( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य का विवादों से पुराण नाता रहा है। यह कोई पहला मामला नहीं है जब पुलकित आर्य विवादों में आया हो। पुलकित आर्य वर्ष 2016 में ऋषिकुल आर्यवैदिक कॉलेज में चर्चित मुन्नाभाई कांड में सामने आया था,और उसे एडमिशन और पेपर दिलाने के फर्जीवाड़े में निष्कासित भी किया गया है। तब अपने रसूख के चलते पुलकित ने उस समय के कॉलेज के जाँच कमेटी अध्यक्ष को धमकाने का कार्य भी किया था ।उस वक़्त उसके खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में धोखाधड़ी समेत कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।
हालांकि, पूर्व दर्जाधारी का बेटा होने के चलते पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई थी। अलबत्ता, कोर्ट में उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। हरिद्वार में लड़ाई-झगड़ों के अनगनित मामलों में पुल्कित का नाम सामने आया, लेकिन रसूख होने के चलते उसके खिलाफ कभी भी ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। हरिद्वार के ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज में अगस्त 2016 में बीएमएस प्रवेश परीक्षा के दौरान कुछ बाहरी युवक परीक्षा देते पकड़े गए थे। इनको एग्जाम देने के लिए बाहर से हायर कर परीक्षा में बैठाया गया था।
जिसके बाद उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने संबद्ध कालेजों में पढ़ रहे मेडिकल छात्रों के दस्तावेजों की जांच कराई। जांच टीमों ने बाकी छात्रों की कुंडली खंगाली तो बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ था। एडमिट कार्ड और दस्तावेजों का मिलान करने पर पता चला कि पूर्व में भी बड़ी संख्या में छात्रों ने इसी तरह दूसरों से परीक्षा दिलाते हुए प्रवेश पाया है। पुल्कित आर्या भी इनमें शामिल था। साल 2016 में ही पुल्कित आर्या समेत 2013-14 बैच के 31 छात्रों को कालेज से बाहर का रास्ता दिखाया गया था।
सत्ता की हनक दिखाने के लिए अपने पिता की गाड़ी लेकर पंहुचा था चमोली
लॉकडाउन में जब लोग अपने घरों में कैद थे, तब पुल्कित सत्ता की हनक दिखाने के लिए अपने पिता की गाड़ी लेकर चमोली जा पहुंचा था। बदरीनाथ जाने के दौरान ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया था। गाड़ी पर उत्तराखंड पशु पालन बोर्ड के उपाध्यक्ष की नेम प्लेट लगी हुई थी।