( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
पिथौरागढ़। उच्च हिमालयी क्षेत्रो में भरी बर्फ़बारी के बाद भी सुरक्षा एजेंसियों की दिक्कते बढ़ गई है। तापमान शून्य से आठ डिग्री तक गिर गया है। इन विषम परिस्थितियों हमारे हिमवीर चीन सीमा पर मुस्तैदी के साथ डटे हुए है और लगातार गश्त कर रहे हैं। हालात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जवानों को प्यास बुझाने तक के लिए बर्फ पिघलानी पड़ रही है।
इस बार उच्च हिमालयी क्षेत्रों में समय से पहले भारी हिमपात हुआ है। चीन सीमा पर 16,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित अंतिम चौकी दुंग में चार से पांच फीट तक बर्फ गिरी है। बर्फबारी से दुंग में तापमान माइनस आठ डिग्री और मिलम में माइनस दो डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। दारमा घाटी की 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित दावे चौकी में पांच फीट बर्फबारी हुई है। 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित लिपुलेख चौकी में तीन से चार फीट बर्फ गिरी है।
चीन विवाद के बाद नीचे नहीं आ रहे जवान
चीन से विवाद के बाद सरकार ने पिछले वर्ष जवानों को शीतकाल में 10,000 से 16,000 फीट तक की अग्रिम चौकियों में तैनात रहने के निर्देश दिए थे। इसके बाद जवान शीतकाल में निचले क्षेत्रों में नहीं आ रहे हैं। जवानों के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर, चिनूक से खाद्य और अन्य जरूरी सामग्री भेजी जा रही है।
दिसंबर, जनवरी में शून्य से 15 डिग्री तक गिर जाता है पारा
चीन सीमा पर स्थित अग्रिम चौकी दुंग, बुगडियार, रिलकोट, लिपुलेख, दावे में जनवरी में अधिकतम तापमान माइनस 15 डिग्री से 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। बावजूद इसके सीमा पर जवान मुस्तैदी के साथ तैनात रहते हैं।
चीन सीमा की निगरानी कर रहे हैं फाइटर जेट
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात के बाद चीन सीमा पर टोह लेने के लिए लगातार फाइटर विमान उड़ान भर रहे हैं। मंगलवार को फाइटर जेट ने मुनस्यारी, मिलम, लिपुलेख और दावे क्षेत्र में उड़ान भरकर चीन सीमा का जायजा लिया।