( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
पटना। फिल्म गंगाजल जोकि प्रसिद्ध निर्माता प्रकाश झा द्वारा बनाई गई थी। इसमें मंगनी राम के सीन से आप सभी भलीभात परिचित है। बिहार के पटना में एक बार फिर वही सिन रिपीट हुआ है। जी हाँ , अजय देवगन की स्टारकास्ट वाली इस फिल्म की चर्चा भी दरोगा वाले सीन के कारण काफी होती रही है। लेकिन रील लाइफ में चर्चा में रहे इस सीन को रीयल लाइफ के एसपी को चौंका दिया। ताज़ा मामला बिहार के शेखपुरा जिले का है। अपहरण फिल्म के सीन का यह सच यहां उस वक्त देखने को मिला जब पुलिस के एक सहायक अवर निरीक्षक द्वारा जिले के एसपी की गाड़ी को नजराना के लिए रोक दिया गया।
बताया जा रहा है कि रुपए की लालच में सहायक अवर निरीक्षक ने अपने बॉस पर भी हाथ डालने से गुरेज नहीं किया। अवैध वसूली में लगे इस कनीय पुलिस अफसर ने वसूली के लिए एसपी साहब को ही रोक लिया। फिर क्या था वसूली करने वाले साहब न केवल मौके पर सस्पेंड कर दिए गए बल्कि इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का भी आदेश दिया गया है।
शेखपुरा एसपी कार्तिकेय शर्मा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि कसार थाने में तैनात सहायक अवर निरीक्षक रणवीर प्रसाद को वाहनों से अवैध वसूली के मामले में तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। एसपी ने दावा किया कि चांदी पहाड़ से पत्थर और दस्त लेकर निकलने वाले वाहनों से यह पुलिस अफसर लगातार अवैध वसूली करता था।
रणवीर प्रसाद के बारे में लोगों ने एसपी से शिकायत की थी कि रास्ते में बाइक से आने जाने वाले लोगों को भी पुलिस का रौब दिखाकर सौ पचास वसूल लेता था। इस घूसखोर पुलिस अफसर को पकड़ने के लिए एसपी कार्तिकेय शर्मा खुद बिना वर्दी के आम इंसान में बाइक चलाकर मौके पर पहुंच गए।
जानकारी के अनुसार रुपए वसूलने में मदांध हो गया अवर निरीक्षक वसूली के लिए एसपी साहब को हाथ देकर रोक दिया। मगर जब नजदीक आकर जाना तब उसके होश उड़ गए पर तब तक उसकी सारी करतूतों को एसपी अपनी आंखों से देख चुके थे। होना क्या था ? सहायक निरीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है।
वाहनों से अवैध वसूली के कारण ही आठ पुलिसकर्मियों को एक पखवाड़े पहले एसपी ने सस्पेंड कर दिया था। ये आठों पुलिसकर्मी शेखपुरा और चेहरा थाना क्षेत्र से जुड़े हुए थे। आजकल एसपी देर रात संग सड़कों पर निकल कर वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों को रंगे हाथ पकड़ने में लगे हैं।