( सुनील तनेज़ा )
देवबंद। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से बड़ी खबर है। देवबंद इलाके में पहुंचे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमला हुआ है। बताया जाता है यह हमला अज्ञात लोगों ने उनके काफिले यानि फॉर्चूनर कार पर फायरिंग की है। गोली उनके पेट को छूते हुए निकल गई। चंद्रशेखर इस अटैक में घायल हो गए हैं। उन्हें आनन-फानन में देवबंद के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद चन्द्रशेखर रावण ने अस्पताल से की अपील की है कि शांति बनाये रखें, हम अपनी लड़ाई संवैधानिक तरीक़े से लड़ेंगे।
फायरिंग से चंद्रशेखर आजाद की कार के टूट गए शीशे
दरअसल, भीम आर्मी चीफ अपनी कार से किसी कार्यक्रम में देवबंद की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान उन सामन से आई एक कार से आज्ञात हमलावरों ने उनकी गाड़ी पर दनादन फायरिंग करना शुरू कर दिया। इस हमले में बदमाशों की गोलियां आजाद की कार के शीशे टूट गए और एक गोली उनके पेट को छूते हुए निकल गई । इतना ही नहीं कार में फायरिंग के निशान भी हैं। इस घटना के बाद हड़कंप मच गया और पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची है और जांच में जुट गई। पुलिस ने इलाके के सभी जगह इन हमलावरों की घेराबंदी कर गिरफ्तारी करने में जुट गई है।
चंद्रशेखर अपने साथी अजय के घर पहुंचे थे, तभी हमलावरों ने किया अटैक
पुलिस की शुरूआती जांच में सामने आया है कि चंद्रशेखर देवबंद में अपने संगठन के एक साथी एडवोकेट अजय के घर गए थे। क्योंकि अजय की मां का दो दिन पहले निधन हो गया था। वह शोक व्यक्त करने पहुंचे थे। जैसे ही आज वहां से लौटे तो कुछ देर बाद ही कार सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर दिया। बताया जाता है कि आजाद के साथ कार में अजय भी मौजूद थे, जिसमें वह भी घायल हो गए हैं।
सहारनपुर के जिला अस्पताल में चंद्रशेखर को किया रेफर
बताया जाता है कि हमलावरों ने चंद्रशेखर की गाड़ी पर 4 राउंड फायरिंग की है। गोली के निशान पर फोटोज में देख सकते हैं किस तरह से गोली लगने से कार की सीट में छेद हो गया है। एक गोली पेट को छूकर भी निकली। फिलहाल अस्पताल में चंद्रशेखर का इलाज जारी है। उनके जख्म पर पट्टी की गई है। इसकी तस्वीर भी सामने आ गई है। शुरुआती इलाज के बाद उन्हें सहारनपुर के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
चंद्रशेखर आजाद ने 2014 में भीम आर्मी की स्थापना की थी
चंद्रशेखर आजाद भीम आर्मी के अध्यक्ष हैं। आजाद ने अपने साथियों सतीश कुमार और विनय रतन सिंह के साथ मिलकर साल 2014 में भीम आर्मी की स्थापना की थी। वह डॉक्टर भीवराव अंबेडकर विचारधारा के पक्षधर हैं। आजाद ने जातिगत उत्पीड़न का विरोध करने के उदेश्य के लिए भीम आर्मी की स्थापना की थी। यहीं से उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ। पहले वह उत्तर प्रदेश तक सीमित थे, लेकिन अब वो देश के अधिकतर राज्यों में रैली करने के लिए जाते हैं। इसके अलावा 15 मार्च 2020 को आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) दल की स्थापना की। वह अंबेडकरवादी कार्यकर्ता और पैशे से एक वकील हैं।