( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नैनीताल। उत्तराखण्ड पर्यटन में नियमो का रोड़ा हटा तो पहाड़ पर्यटकों से गुलजार होने लगे है। पर्यटन नगरी में बेरोकटोक एंट्री से टूरिस्ट स्पॉट पर सैलानियों की रौनक दिखने लगी है तो होटल मालिकों की की मौज आ गई है। उनकी मनमनी चार्म पर आ गई है। पर्यटन विभाग बस लाचारी से सब देख रहा है, कर कुछ नहीं रहा। नैनीताल में इन दिनों रौनक दिखने लगी है। वीकेंड पर मेले जैसा माहौल होटलों के लिए मनमानी का ज़रिया बन गया है। नैनीताल आ रहे पर्यटकों को ऑफ सीज़न होने के बावजूद होटल महंगे मिल रहे हैं और होटल मालिकों की मनमानी भरे रेट भी इनके बजट में सेंधमारी कर रहे हैं।
ऑफ सीजन में आमतौर पर 500 से 800 रुपये तक मिलने वाले होटलों के कमरे के 2 हज़ार तक चुकाने पड़ रहे हैं। पैसा अदा करने पर सुविधाओं का टोटा भी सैलानियों की यादों को बेहतर से ज्यादा खट्टा ही कर रहा है। दरअसल कुछ बड़े होटलों को छोड़ दिया जाए तो नैनीताल में होटलों के रेट तय नहीं हैं जिसके चलते पर्यटकों से लूट की खबरें आम हैं। ऑफ़ लाइन बुकिंग के दौरान पर्यटकों से गेस्ट हाउस भी भारी चार्ज ले रहे हैं जिससे सरकारी खजाने के बजाए अपना खजाना होटल गेस्ट हाउस मालिक भर लेते हैं। पर्यटकों को सुविधाएं देने और लूट से बचाने के लिए जिम्मेदार पर्यटन विभाग इन होटलों के आगे अपनी लाचारी जता रहा है।