( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखंड में सबसे बड़ी समस्या है पलायन और पलायन की बजह रोजगार का ना होना और दूसऋ समस्या है खेती का बंजर होना। वही सरकार के मंत्री अपनी इनोवेटिव योजनाओ से जहां मुख्यमंत्री की शाबासी बटोर रहे है तो दूसरी तरफ उत्तराखंड के सहकारिता मन्त्री धन सिंह रावत इनोवेटिव आइडिया आया है। धन सिंह रावत खेती के गुर सिखाने के लिए नाबार्ड के ज़रिए अच्छे किसानों को विदेश ले जाना चाहते हैं। हालांकि प्रदेश के किसान और कांग्रेस दोनों कह रहे हैं कि खेती के गुर सीखने विदेश जाने की नहीं, इसके लिए पड़ोसी प्रदेश ही काफी हैं। नेशनल बैंक फ़ॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेन्ट बैंक यानि नाबार्ड उत्तराखंड में किसानों के लिए सस्ता कर्ज देगा।
लेकिन सहकारिता विभाग के राज्य मंत्री धन सिंह रावत को लगता है उनके पास खेती की स्थिति सुधारने के लिए बेहतर विचार है। वह अच्छे किसानों को विदेश ने जाने का प्लान बना रहे हैं और इसके लिए उन्होंने नाबार्ड से निवेदन भी किया है। हालांकि ‘अच्छे किसान’ उत्तराखण्ड में परिभाषा क्या है, यह धन सिंह रावत ने नहीं बताया। धन सिंह का कहना है कि वह कोई भी काम पूरी तैयारी के साथ करते हैं लेकिन किसानों को विदेश ले जाने उनकी तैयारी न किसानों को समझ आ रही है और न ही विपक्षी पार्टी कांग्रेस को। दोनों का कहना है कि सेब के लिए हिमाचल और धान, गेहूं के लिए पंजाब-हरियाणा का दौरा काफी है।
हां किसानों को पड़ोस के शानदार और सफल मॉडल की ओर आंखें मूंद किसानों को विदेश घुमाने की हवाई योजनाएं बनती रही हैं और पहाड़ के बदहाल किसान पलायन करते रहे हैं।
जबकि उत्तराखंड को अच्छी खेती के लिए देश में पुरस्कार भले ही मिले हों, भले ही सस्ता लोन मिल रहा हो। लेकिन बीते 20 सालों में पहाड़ के खेतों को आबाद करने की ठोस प्लानिंग कभी नज़र नहीं आई।