( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। राजाजी टाइगर रिजर्व के जंगल में आपसी संघर्ष में मादा गुलदार की मौत हो गई। जसके शव को पोस्टमार्टम के बाद जला दिया गया। जबकरि के अनुसार शुक्रवार को राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज के वनकर्मियों की टीम गश्त कर रही थी। गश्त के दौरान अंधेर बीट में लगभग चार वर्षीय एक मादा गुलदार गंभीर रूप से घायल अवस्था में पड़ी हुई मिली। टीम ने सूचना रेंजर अनिल पैन्यूली को दी।रेंजर ने गुलदार को रेस्क्यू करने के लिए उच्च अधिकारियों को जानकारी दी। जब तक गुलदार को उपचार के लिए रेस्क्यू किया जाता, तब तक उसने दम तोड़ दिया। रेंजर अनिल पैन्यूली ने बताया कि मादा गुलदार के शरीर पर कई घाव थे। इससे आशंका जताई जा रही है कि वह आपसी संघर्ष में ही घायल हुई।
गुलदार के शावक को रेस्क्यू सेंटर में रखा
गन्ने के खेत में मिले गुलदार के शावक का घर अब रेस्क्यू सेंटर होगा। वन विभाग की ओर से गुलदार के शावक को रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया है। पथरी क्षेत्र के बहादरपुर जट गांव के गन्ने के एक खेत में करीब दो सप्ताह का शावक ग्रामीणों को दिखाई दिया था। ग्रामीणों का कहना था कि मादा गुलदार एक शावक को अपने साथ ले गई है और एक छोड़कर चली गई है। बृहस्पतिवार को गुलदार के शावक को चिड़ियापुर स्थित रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया है।
डीएफओ नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि गुलदार का शावक जहां था, वहां लोगों का अधिक मूवमेंट होने और संभवतः उस पर मानव के हाथों का अधिक स्पर्श होने के कारण मादा गुलदार उसे लेने के लिए नहीं आई। जबकि एक दिन शावक को उसी स्थान पर रखा भी गया था जिससे की मादा गुलदार उसे ले नहीं जाने कारण मज़बूरन रेस्क्यू सेंटर ले जाना पड़ा। उन्होंने बताया कि शावक अब वयस्क होने तक रेस्क्यू सेंटर में ही रहेगा।