( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
इंदौर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बलात्कार के मामले में बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि भारत की लड़कियां उस समय तक यौन संबंधों के लिए तैयार नहीं होती जब तक कि उन्हें विवाह का आश्वाशन ना मिले। हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी दुष्कर्म के मामले की सुनवाई के दौरान कहीं। हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। इस मामले में आरोपी ने दलील दी थी कि यह आपसी सहमति से बने यौन संबंध का मामला है।
संबंध बनाने से पहले याद रखें परिणाम
हाईकोर्ट की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुबोध अभयंकर ने इस सप्ताह के शुरुआत में अपने आदेश में कहा था कि किसी लड़की के साथ यौन संबंध बनाते समय लड़के को उसका परिणाम भी याद रखना चाहिए। अदालत उज्जैन पुलिस द्वारा कथित बलात्कार के आरोप में 4 जून को गिरफ्तार एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। गौरतलब है कि आरोपी द्वारा विवाह से इनकार किए जाने के बाद लड़की ने कथित रूप से आत्महत्या की कोशिश की थी।
रूढ़िवादी है भारत का समाज
न्यायधीश ने कहा-भारत का समाज रूढ़िवादी है। यह अभी भी सभ्यता के ऐसे स्तर ( अत्याधुनिक या निम्न ) पर नहीं पहुंचा है, जहां किसी भी धर्म की अविवाहित लड़कियां सिर्फ मनोरंजन के लिए यौन संबंध नहीं बनाती है। जब तक की कोई उनसे विवाह का वादा ना करें। अदालत ने कहा – किसी भी लड़की के साथ यौन संबंध बनाने वाले लड़के को अपने कदम का परिणाम भी सोचना चाहिए।
लड़क हिंदू और लड़की विशेषकर वर्ग की
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने लड़की से विवाह करने का वादा करने के बाद उसके साथ बलात्कार किया। हालांकि आरोपी आवेदक ने दावा किया कि उसका लड़की के साथ 2 साल से प्रेम संबंध था। उसकी उम्र करीब 21 साल है और दोनों के बीच सहमति से यौन संबंध बने। आवेदक के वकील ने दलील दी कि दोनों के माता-पिता इस विवाह के विरुद्ध थे,क्योंकि लड़का हिंदू और लड़की विशेष वर्ग से है।
शादी से मुकरा तो लड़की पी लिया फिनायल
वही अभियोजन पक्ष का दावा है कि लड़के ने विवाह का झूठा वादा करके अक्टूबर 2018 से बार-बार लड़की के साथ बलात्कार किया और इस साल जून में कहा कि वह किसी और से शादी कर रहा हैं। इस पर लड़की ने फिनायल पीक जान देने की कोशिश की।