( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखंड की जनता ने हरीश रावत को क्यों हराया ? यह सवाल वह लोगो से खुद पूछने के लिए निकलेंगे। शनिवार को कांग्रेस कार्यालय में कॉन्फ्रेंस में हरीश रावत ने बड़े सपने भी दिखाए, तो बैकफुट पर भी नजर आए। वहीं बीजेपी ने इसे हरीश रावत का इमोशनल ड्रामा बताया है। उत्तराखंड में कांग्रेस का चुनाव अभियान हरीश रावत को चलाना है, तो शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नाम से जोड़कर श्री गणेश अभियान की शुरुआत की गई। यानि हर अभियान की शुरुआत अब श्री गणेश के नाम से होगी।
इसके बाद हरीश रावत ने जब बोलना शुरू किया, तो स्वास्थ्य,शिक्षा और रोजगार पर बीजेपी सरकार को घेरा और कहा कि बर्बाद हो चुके उत्तराखंड के विकास का प्लान सिर्फ उनके पास है। हरीश रावत ने कहा कि उन्हें बीजेपी ने हरद्वारी लाल कहा, इसलिए वो गन्ने और मंडुवे के साथ दो दिन हरिद्वार की परिक्रमा करेंगे। हरीश रावन ने कहा,’मोरी से मुनस्यारी तक और टनकपुर से खानपुर तक अकेले जाऊंगा और अपनी हार की वजह पूछुंगा।
हरीश रावत ने बीजेपी पर साधा निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरीश रावत ने खुद को जहां सनातनी हिन्दू बता दिया। बीजेपी तेरी खैर नहीं, की बात करने वाले हरीश रावत बैक फुट पर दिखे। उन्होंने कहा कि बीजेपी से कांग्रेस का ही असली बैर है। इतना ही नहीं, हरदा ने पीएम मोदी को 2017 का फुशकीबाज़ और टर्कीबाज़ करार दिया है जो गढ़वाली-कुमाउंनी में दो बात कहकर चुनाव जीत गए। वहीं बीजेपी ने पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस को इमोशनल ड्रामा बता दिया।
हरीश रावत के लोगों से मिलकर अपनी गलतियां जानने के बयान पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि ये अच्छी बात है कि उम्र के अंतिम पड़ाव पर हरीश रावत को ये महसूस हो रहा है कि उनसे गलतियां हुई हैं। लेकिन, उन्होंने कहा कि ये भी हरीश रावत का इमोशनल ड्रामा है।
हरीश रावत को 2022 का चुनाव कांग्रेस और खुद के लिए करो या मरो का चुनाव लगने लगा है। क्योकि एक हार सबकुछ को जीरो कर देगी और हरदा की चिंता इसलिए भी ज़्यादा है क्योंकि 2017 की हार के वक्त वो मुख्यमंत्री थे और 2022 में उनकी नजर फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर टिकी है। वही बहुत से कोंग्रेसी मानते है की यदि सरकार आई तो हरीश रावत ही मुख्यमंत्री होंगे।