( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। कभी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रह चुके जितेंद्र त्यागी उर्फ़ वासिम रिजवी भगवन राम के कारण ही हिन्दू धर्म में आस्था जगी। जी हाँ ,इस्लाम छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाने और अब संन्यास लेने की ओर बढ़ रहे जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की हिन्दू धर्म में आस्था राम मंदिर से जुड़ी फाइल पढ़ने के बाद से जागी थी। तब वसीम शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन थे और उन्होंने राम मंदिर से जुड़ी फाइल पढ़ी थी। वह राम मंदिर को लेकर शिया पक्ष की ओर से कोर्ट में पैरवी भी कर रहे थे।
फाइल पढ़ने के बाद उन्होंने शिया पक्ष को राम मंदिर को लेकर पीछे हटने की सलाह दी थी। इसी के बाद विवाद शुरू हुआ था। मंगलवार को हरिद्वार में जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी को बताया कि वह पहले से ही हिन्दू धर्म में आस्था रखते हैं।
उन्होंने बताया कि जब वह राम मंदिर को लेकर शिया पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे थे, तब उन्होंने राम मंदिर की फाइल पढ़ी थी। जिसके बाद उनकी रुचि हिन्दू धर्म में हो गई थी। उन्होंने शिया बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए भी कई बार मंदिर हिन्दुओं को देने की बात कही थी। जिस पर मुस्लिम नेताओं ने उनको लेकर कई तरह की टिप्पणियां की थीं। उनकी ज्ञानवापी को लेकर भी संतों ने चर्चा हुई।इसी माह हो सकता है कार्यक्रम: सूत्रों की मानें तो इसी माह के अंत में भव्य संन्यास ग्रहण कार्यक्रम हरिद्वार में आयोजित किया जा सकता है।
संन्यास से पहले होगा शुद्धिकरण :
श्रीमहंत रविंद्र पुरी की मानें तो संन्यास से पहले कर्मकांड के अलावा शुद्धिकरण भी होगा। हवन पूजन और तर्पण भी किया जाएगा। क्योंकि परिवार के रहते व्यक्ति संन्यास नहीं ले सकता है। रविंद्र पुरी ने उन्हें अखाड़े के नियमों के बारे में भी बताया।
जिस भी अखाड़े में जाएं स्वागत है:
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने दावा किया है कि एक बार इस तरह का मामला पहले भी हुआ है, जब महाराष्ट्र में एक मुस्लिम व्यक्ति ने हिन्दू बनने के बाद संन्यास लिया था। संन्यास लेने के बाद वह जिस भी अखाड़े में जाना चाहते हैं जा सकते हैं।