( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। SDM सदर हरिद्वार कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनते हुए ऐसे छह बुजुर्गो के बच्चो को माता -पिता की संपत्ति से बेदखल करते हुए एक महीने के अंदर घर खाली करने के आदेश दिए है। इतना ही नहीं कोर्ट का आदेश का पालन ना करने की एवज में पुलिस प्रशासन को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए भी कहा गया है। अब ऐसे बच्चो को सचेत होने की जरुरत है जो अपने माता – पिता की सेवा करने के बज़ाय उन्हें परेशान करते है या प्रताड़ित करते है।
जी हाँ ,माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति एसडीएम कोर्ट में अपने बच्चों के खिलाफ वाद दायर कर सकता है। अधिनियम की धारा 4/23 के तहत एसडीएम की ओर से सुनवाई के बाद बच्चों को उनकी संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है। ऐसे ही छह बुजुर्गों की ओर से हरिद्वार एसडीएम कोर्ट में वाद दायर किया गया था।ज्वालापुर, कनखल और रावली महदूद के बुजुर्गों की ओर से कोर्ट में दायर वाद

बुधवार को एसडीएम सदर पूरण सिंह राणा ने इन मामलों की सुनवाई करते हुए ज्वालापुर, कनखल और रावली महदूद के बुजुर्गों की ओर से कोर्ट में दायर वाद कि उनके बच्चे उनके साथ ही रहते हैं, लेकिन न तो उनकी कोई सेवा करते हैं और न ही खाना देते हैं। उल्टे उनके साथ मारपीट कर प्रताड़ित करते हैं। जिससे उनका बुढ़ापे का जीवन नरक बन गया है।
वरिष्ठ नागरिकों की ओर से अपने बच्चों से राहत दिलाने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई गई थी ,जिसमें उन्हें अपनी चल और अचल संपत्ति से बेदखल कर घरों से बाहर निकालने की मांग की गई थी। बुजुर्गों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एसडीएम सदर पूरण सिंह राणा ने सभी छह मामलों में बच्चों को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करने का फैसला सुनाया है, साथ ही 30 दिन के भीतर घर खाली करने के आदेश दिए है। फैसले में कहा गया कि यदि यह लोग घर खाली नहीं करते हैं तो संबंधित थाना प्रभारियों को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

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