( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखंड में बदली राजनीतिक परिस्थितियों के बीच सत्ताधारी दल भाजपा के कुछ विधायकों की लाटरी खुल सकती है। जिस तरह के आसार बन रहे हैं, उसे देखते हुए मंत्रिमंडल से दो-तीन मंत्रियों की छुट्टी होने की चर्चा है।
ऐसे में माना जा रहा है कि नवरात्र के बाद केंद्र के तर्ज पर धामी मंत्रिमंडल का विस्तार और फेरबदल, दोनों एक साथ होंगे। इसमें मंत्री पद की आस लगाए बैठे पार्टी के वरिष्ठ विधायकों को जगह मिल सकती है।
सूत्रों की मानें तो पिछले साल केंद्र में हुए बड़े मंत्रिमंडल विस्तार की तर्ज पर ही राज्य में भी बड़ा विस्तार किया जा सकता है जिसमें कई दिग्गजों की छुट्टी हो सकती है और नये चेहरों को एंट्री मिल सकती है। सूत्रों के अनुसार भाजपा आलाकमान मंत्रिमंडल विस्तार की योजना को अंतिम रूप देने की तैयारियों में जुटा है।
सूत्रों के अनुसार अगले माह के शुरू में मंत्रिमंडल विस्तार होने की संभावना है। इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट से अलग-अलग फीडबैक भी लिया गया है। सूत्रों के अनुसार आलाकमान राज्य में सरकार के कामकाज में सुधार लाने और हाल की घटनाओं से बिगड़ी छवि को बदलने के लिए बड़ा बदलाव कर सकता है। कोशिश यह है कि मंत्रिमंडल का चेहरा बदलकर सरकार को लेकर जनता में अच्छा संकेत दिया जाए।
भरे जाएंगे मंत्रियों के खाली पद
सूत्रों की मानें तो जिस प्रकार पिछले साल केंद्र में कैबिनेट विस्तार में अनेक बड़े चेहरों को बदल दिया गया था, वैसा ही कुछ नजारा उत्तराखंड में देखने को मिल सकता है। कई बड़े चेहरों की छुट्टी हो सकती है। जबकि मंत्रियों के तीन खाली पदों को भरा जाएगा। राज्य में कुल 12 मंत्री बन सकते हैं जबकि अभी महज नौ हैं।
मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री ही हो सकते हैं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपनी दूसरी पारी का छह माह का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। जब मंत्रिमंडल का गठन हुआ, तब इसमें तीन पद रिक्त रखे गए।
तय व्यवस्था के अनुसार राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री ही हो सकते हैं। वर्तमान में यह संख्या नौ है। पूर्व में कहा गया था कि रिक्त मंत्री पदों को बाद में भरा जाएगा। हाल में मुख्यमंत्री ने अपने जन्म दिवस के अवसर पर मंत्रिमंडल में विस्तार के संकेत दिए थे।
कुमाऊं को मिल सकता है ब्राह्मण मंत्री
सूत्रों के अनुसार कुमाऊं से जहां एक ब्राह्मण को मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं गढ़वाल क्षेत्र से लगे मैदानी इलाके को प्रतिनिधित्व देने की भी संभावना है। ऐसे में हरिद्वार से मदन कौशिक मंत्री बनाए जा सकते हैं। वहां पंचायत चुनाव भी होने हैं। आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भी हरिद्वार सीट महत्वपूर्ण है। कुमाऊं से ब्राह्मण चेहरे के तौर पर रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल की दावेदारी सबसे मजबूत नजर आती है। पेशे से वकील नैनवाल लम्बे समय से संघ से भी जुड़े हैं। कुमाऊं में क़रीब 40 फ़ीसदी ब्राह्मण आबादी है। कुल दो ब्राह्मण विधायक हैं। दूसरे बंसीधर भगत हैं जो पूर्व में मंत्री रह भी चुके हैं।