( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। सुहागिनों का सबसे बड़ा महापर्व करवा चौथ का ब्रत आज है। इस दिन सुहागिने निर्जला ब्रत रख अपने सुहाग की अमरता की कामना करती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी के अनुसारहिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं सोलह शृंगार कर कठोर व्रत करती हैं।
उधर करवा चौथ को लेकर बुधवार को भी बाजार में रोनक देखने को मिली। दुकानदारों ने करवा चौथ के सामान और तरह-तरह के उपहारों से अपनी दुकानों को सजाया हुआ है। लोग भी जमकर खरीदारी कर रहे हैं।

ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि 12 अक्तूबर को रात एक बजकर 59 मिनट से शुरू हो जाएगी। जो 14 अक्तूबर को रात तीन बजकर सात मिनट पर समाप्त हो जाएगी। हिंदू धर्म में कोई भी व्रत-त्योहार उदया तिथि के आधार पर ही निर्धारित होता है।
जबकि करवा चौथ की पूजा का समय शाम छह बजकर एक मिनट से रात सात बजकर 15 मिनट तक है।
वहीं उत्तराखंड राज्य में चांद निकलने का समय रात आठ बजकर 02 मिनट पर है। चंद्र दर्शन चंद्रोदय के एक घंटे के अंदर हो जायेगा।

सुखी वैवाहिक जीवन के लिए होता है यह व्रत
बताया कि सुखी वैवाहिक जीवन के लिए सुहागिनें करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चंद्रमा की पूजा के बाद पारण करती हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि सुहागिन महिलाओं द्वारा अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत किया जाता है। कहा जाता है कि विधि पूर्वक इस व्रत को करने से पति को लंबी आयु मिलती है।

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