( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
चमोली। चारधामों में आये दिन तीर्थ यात्रियों की मौतब खबर सभी द्रवित करती आ रही है। अभी बद्रीनाथ में भी एक कर्णाटक के यात्री की हृदयघात से मौत हो गई। इसमें कही ना कही यात्रियों की अपने सेहत के प्रति लापरवाही भी और व्यवस्थाओं का भी। इसके साथ ही बदरीनाथ में अब तक 73 तीर्थ यात्रियों की मौत हृदयाघात से हो चुकी है, जबकि हेमकुंड साहिब, श्रीनगर व ऋषिकेश समेत चारधाम में यह संख्या 254 पहुंच गई है। पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होने और अचानक हार्टअटैक के कारण हुई है
चारधामों में अब तक 42 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे
चारधाम यात्रा में समाप्त होने में अभी एक सप्ताह से ज्यादा का समय शेष है। वहीं इस बार तीर्थयात्रियों ने रिकॉर्ड बनाया है। अब तक बदरीनाथ धाम में 15.14 लाख, केदारनाथ धाम में 14.25, गंगोत्री में 6.0 लाख, यमुनोत्री में 4.73 लाख से अधिक यात्री दर्शन कर चुके हैं।
अब तक चारों धाम में 42 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं। कपाट बंद होने तक यह संख्या 45 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। हेमकुंड साहिब में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
अब तक हृदयाघात से मरे यात्री
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक केदारनाथ धाम में 135, बदरीनाथ में 75, यमुनोत्री में 80 और गंगोत्री धाम के रूट पर 21 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। सरकार व स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा रूटों पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 180 से अधिक डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किया गया था, लेकिन केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के लिए पैदल चढ़ाई करते समय हार्टअटैक से भी तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
तीर्थयात्री ऐसे रखें अपना ध्यान
अब ठंड बढ़ गई है ऐसे में इससे शरीर के भीतर रक्त संचार प्रणाली और श्वसन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है। खुद को ठंड से बचाएं
स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही यात्रा के लिए रवाना हों। पूर्व से बीमार यात्री चिकित्सक का परामर्श पर्चा, संपर्क नंबर व दवाएं साथ रखें।अति वृद्ध, बीमार व पूर्व में कोविड से ग्रसित व्यक्ति यात्रा पर न जाएं तो उचित होगा। तीर्थस्थल पर पहुंचने से पूर्व मार्ग में एक दिन का विश्राम करें।
गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें।
हृदय रोग, श्वास रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त विशेष सावधानी बरतें। सिर दर्द, उल्टी, चक्कर, खांसी, घबराहट, दिल की धड़कन तेज होने, हाथ-पांव व होठ नीले पड़ने, थकान, सांस फूलने पर निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे या 104 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।धूमपान व अन्य मादक पदार्थों के सेवन न करें।त्वचा को तेज धूप से बचाने के लिए सनस्क्रीन एसपीएफ-50 का उपयोग करें।
यूवी किरणों से आंखों के बचाव के लिए सन ग्लासेस का उपयोग करें।
यात्रा के दौरान पानी पीते रहें और भूखे पेट न रहें। लंबी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करें।ऊंचाई वाले क्षेत्रों में व्यायाम करने से बचें।
किसी भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए 104 और एंबुलेंस के लिए 108 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
आधार कार्ड से जुड़ेगा चारधाम यात्रा का पंजीकरण
निकट भविष्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का पंजीकरण आधार कार्ड से जुड़ेगा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि एक तीर्थयात्री को साल में एक बार ही चारधाम जाने की अनुमति दी जाए।
पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि चारधाम के कपाट बंद होने पर केदारनाथ की डोली ऊखीमठ, गंगोत्री की मुखबा और यमुनोत्री की डोली शीतकाल में खरसाली में विराजमान होगी। बदरीनाथ के कपाट बंद होने पर भगवान बदरीनारायण जोशीमठ व पांडुकेश्वर में विराजेंगे।
सरकार का फोकस चारधाम के इन शीतकालीन प्रवास स्थलों में भी तीर्थाटन को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में गुरु गोरखनाथ ट्रेक के साथ ही इस ट्रेक में पडऩे वाले मंदिरों का भी सर्किट विकसित किया जाएगा। भगवान शिव एवं पार्वती के विवाह स्थल त्रियुगीनारायण को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।