( नवीन कुमार )
देहरादून। रुड़की सड़क हादसे में घायल क्रिकेटर ऋषभ पंत का देहरादून मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा है। हादसे में ऋषभ पंत गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त दो युवक वहां मौजूद थे। इन्हीं दोनों ने हादसे में घायल क्रिकेटर की बहुत मदद की थी. जलती कार से ऋषभ का जितना सामान संभव था। इन दोनों युवकों ने निकाला था. दोनों ने इसकी पुलिस को इसकी सूचना दी थी. आज दोनों युवक देहरादून अस्पताल पहुंचे और हादसे के वक्त बरामद चार हजार रुपए पुलिस प्रशासन को दिए।
रजत और नीशु ने की थी ऋषभ पंत की मदद
दरअसल, ऋषभ पंत की कार के हादसे के बाद दो युवक रजत और नीशु सबसे पहले मौके पर पहुंचे थे। इन्हीं दोनों ने क्रिकेटर का सारा सामान और कैश जलती कार से निकाला था. साथ ही पुलिस को इसकी सूचना दी थी। वहीं, आज रजत और नीशु देहरादून मैक्स अस्पताल ऋषभ पंत से मिलने आए। इस दौरान उन्होंने क्रिकेटर से संबंधित 4 हजार रुपए पुलिस प्रशासन को सौंपे, जो दुर्घटना के दौरान खो गए थे। हादसे में ऋषभ पंत की कार में रखा सामान जल गया था। रजत कुमार ने कहा कि दुर्घटना होने के ठीक ने बाद उन्होंने ऋषभ पंत को देखा था। इस दौरान हरियाणा रोडवेज के कंडक्टर सुशील ने एंबुलेंस और पुलिस को फोन किया। हमने ऋषभ पंत को कंबल दिया, लेकिन उस समय हम उसे पहचान नहीं पाए। दुर्घटना के दौरान उनका सारा सामान जल गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब पंत का एक्सीडेंट हुआ तो मुजफ्फरनगर के रजत कुमार और नीशु कुमार ने ऋषभ पंत की बहुत मदद की थी।
30 दिसंबर को हुआ था ऋषभ पंत का हादसा
आपको बता दें कि क्रिकेटर ऋषभ पंत 30 दिसंबर तड़के दिल्ली से रुड़की अपने घर के लिए निकले थे। रुड़की के पास नारसन में उनकी कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई फिर पलटी खाकर सड़क के दूसरी तरफ पहुंच गई। इस दौरान कार में आग भी लग गई थी। आग लगी कार में से ऋषभ पंत बड़ी मुश्किल से बाहर निकले थे। इस हादसे का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है, जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता कि कार हादसा कितना भयानक था?
मूलरूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं ऋषभ पंत
गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का परिवार मूलरूप से पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट तहसील का रहने वाला है। वर्तमान समय में ऋषभ पंत का परिवार रुड़की के अशोक नगर ढंढेरा में रहता है। यहीं से पंत ने क्रिकेट के गुर सीखे और क्रिकेट की दुनिया में शिखर तक पहुंचे।