* नायब तहसीलदार और तहसीलदारों क्व स्थानांतरण को लेकर अधिकार क्षेत्र का मामला।
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। राजस्व विभाग ने नायब तहसीलदार व तहसीलदारों के तबादलों पर राजस्व परिषद् ने गढ़वाल और कुमाऊं के मंडलायुक्तों से एक सप्ताह में जबाब तालाब किया है। उनसे पूछ है कि किन नियमो के तहत तबादले किये गए है। परिषद् के आयुक्त एवं सचिव चंद्रेश कुमार की ओर से जारी पत्र में दोनों मंडलायुक्तों के आयुक्तों से पूछा गया है कि किस नियमावली या एक्ट के तहत नायब तहसीलदार और तहसीलदारों के तबादलें किये गया है। उत्तराखण्ड के अधीनस्थ राजस्व कार्यपालक (नायब तहसीलदार ) सेवा नियमावली 2009 में मंडलायुक्त को नायब तहसीलदार के स्थानांतरण का प्राधिकार नहीं है। इसी तरह से उत्तर प्रदेश राजस्व कार्यकारी ( तहसीलदार ) सेवा नियमावली 1966 के अनुसार ,मण्डलायोक्तओँ को तहसीलदारों के हस्तांतरण का अधिकार नहीं दिया गया है। स्थानांतरण की शक्ति किसी विशेष अवसर पर दी जाती है,जो मात्र उसी उद्देश्य के लिए प्रयोग में ले जा सकती है। जबकि स्थानांतरण ,तैनाती या दण्ड देने के सम्बन्ध में कोई भी सामान्य शक्ति विशेष के आदेश मंडलायुक्तों को नहीं दिए गए है।
इसके वावजूद मण्डलयुक्तो की ओर से मंडल के तहत अनिवार्य और अनुरोध के आधार पर तहसीलदार और नायब तहसीलदारो के तबादले किये जा रहे है। इस संबंध में संपर्क करने पर आयुक्तों एवं सचिव राजस्व परिषद् ने बताया कि रेवेन्यू बोर्ड में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के सम्बन्ध में स्पष्ट नियमावली बानी हुई है। इसके बावजूद मंडलायुक्तों की ओर से स्थानांतरण किये गया है। इस संबंध में उनसे पूछा गया है कि यदि इस तरह का कोई नियम ,मंडलायुक्तों को स्थानांतरण की शक्तियां प्रदान करता हो तो छह जुलाई तक उपलब्ध कराएं। यदि उनकी ओर से कोई जबाब नहीं आता है तो यह समझा जायेगा कि उन्हें इस विषय पर कुछ कहना नहीं है।