( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
पटना/ मुजफ्फरपुर। विश्वविद्यालयों के कामकाज में शिक्षा विभाग के कथित हस्तक्षेप को लेकर राज्य सरकार और राजभवन आमने-सामने आ गया है। राजभवन ने शिक्षा विभाग द्वारा बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के कुलपति और प्रतिकुलपति का वेतन रोकते हुए उनके वित्तीय अधिकार पर रोक लगाने की कार्रवाई पर कड़ी नाराजगी जतायी है। राज्यपाल सचिवालय ने विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि वह कुलाधिपति के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण नहीं करे। ना ही विश्वविद्यालयों की स्वायतता में हस्तक्षेप करे। राजभवन ने विभाग की इस कार्रवाई को मनमाना करार हुए इसे अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम करना बताया है। साथ ही यह भी कहा है कि वेतन रोकने के अपने आदेश को विभाग वापस ले और भविष्य में इस तरह का अनुचित कार्य नहीं करे। राज्यपाल के प्रधान सचिव रोबर्ट एल चोंग्थू ने शुक्रवार को विभाग के सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा है। विभाग ने उक्त कार्रवाई गुरुवार को की थी। पत्र में विभाग को कहा गया है कि बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 के सेक्शन 54 में सरकार को विश्वविद्यालयों के ऑडिट का अधिकार दिया गया है। पर, वेतन बंद करने, वित्तीय अधिकार रोकने और बैंक खाता फ्रीज करने का अधिकार नहीं है।आपको बता दे कि विभाग ने कॉलेजों का निरीक्षण न करने, लंबित परीक्षा के आयोजन में लापरवाही आदि को लेकर यह कार्रवाई की थी।

*बैंक खाता बंद करने का आदेश भी राजभवन ने पलटा
राजभवन ने शिक्षा विभाग के उस आदेश पर को भी निरस्त कर दिया है, जिसमें उसने तीन बैंकों में बीआरएबीयू के खातों के संचालन पर रोक लगाई थी। राजभवन ने तीनों बैंकों के शाखा प्रबंधकों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि खाता संचालन पर लगाई रोक का पालन नहीं किया जाये। इधर,विभाग के आदेश पर तीन ऑडिटर शुक्रवार को बीआरएबीयू में ऑडिट करने पहुंचे।

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