( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
रुड़की । रुड़की में इंजीनियरिंग कॉलेज में दो विदेशी छात्रों से मारपीट के मामले में पुलिस ने कॉलेज के चेयरमैन समेत दस लोगों के खिलाफ बलवे समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही कॉलेज के डायरेक्टर और असिस्टेंट डिप्टी सीईओ समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया। वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस अन्य हमलावरों की पहचान कर रही है। उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस हर गतिविधियों पर नजर रख रही है।
भगवानपुर थाना क्षेत्र के पुहाना स्थित रुड़की इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में स्थानीय समेत कई विदेशी छात्र भी पढ़ाई कर रहे हैं। बुधवार को अफ्रिकन देश घाना निवासी एमबीए प्रथम वर्ष के छात्र इब्राहिम और बेंजारिन के साथ कॉलेज के सुरक्षा गार्डों ने मारपीट कर दी थी। आरोप था कि सुरक्षा गार्डों की यूनिफार्म में बाहरी युवकों ने कॉलेज में घुसकर दोनों छात्रों को बुरी तरह पीटा।
मारपीट में इब्राहिम गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि बेंजारिन को भी चोटें आई थीं। इब्राहिम की हालत नाजुक देख पास के ही निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उनकी हालत अब भी चिंताजनक बनी हुई है। बृहस्पतिवार को घायलों के साथी घाना निवासी फ्रांसिक्स कोरंगया ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि बुधवार को इब्राहिम स्थानीय दोस्तों से मंगाया खाना लेने गेट पर जा रहे थे। वहां तैनात गार्ड ने बाहर से कुछ युवकों को सुरक्षा गार्ड की यूनिफार्म में बुला लिया और मारपीट कर दी।
एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर कॉलेज के चेयरमैन सीए एसके गुप्ता, वाइस चेयरमैन संगत अग्रवाल, डायरेक्टर डॉ. पराग जैन, असिस्टेंट डिप्टी सीईओ श्रीकांत और प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी हॉफ कमांडो के गार्ड योगेश, सोनू, आशीष, खुशीराम, ललित के खिलाफ बलवे समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही पुलिस ने बृहस्पतिवार को श्रीकांत, डॉ. पराग जैन, मुनेंद्र चैहान, सिक्योरिटी एजेंसी के गार्ड योगेश, सोनू, आशीष, खुशीराम और ललित को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो के आधार पर अन्य लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। जल्द ही अन्य लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी। घायल छात्रों के दोस्तों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण वे अपने देश नहीं जा पाए। इसके अलावा उनके परिवार वाले पैसे भी नहीं भेज पाए। छात्रों के पास जो बचेखुचे पैसे थे, वह भी लॉकडाउन में खत्म हो गए। कॉलेज प्रबंधन हॉस्टल में रहने और खाने की फीस जमा करने का दबाव बना रहा था। फीस जमा नहीं करने पर हॉस्टल खाली करने का दबाव बनाया जा रहा था। पैसे खत्म होने पर वह साथ पढ़ने वाले स्थानीय छात्रों से खाना मंगवाकर खा रहे थे। फीस जमा नहीं होने पर सुरक्षा गार्ड भी जबरन कॉलेज से बाहर निकलने का दबाव बना रहे थे। सुरक्षा गार्डों की शिकायत कॉलेज प्रबंधन से की गई थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। बताया जा रहा है कि कॉलेज में छह विदेशी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। लॉकडाउन में ये छात्र घर नहीं जा पाए और कॉलेज में ही फंसे हैं। आरोप है कि इन छात्रों को कॉलेज छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन लॉकडाउन के चलते उन्होंने कॉलेज छोड़ने से इनकार कर दिया था। तभी से छात्रों को धमकियां दी जा रही हैं। बताया जा रहा है कि विदेशी छात्रों से मारपीट करने वालों में सुरक्षा गार्ड की यूनिफाॅर्म में आसपास के युवक भी शामिल हैं। इन युवकों को पैसे देकर विदेशी छात्रों को पिटवाया गया है।