( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लिक आउट मामले में सूत्रधार मने जा रहे PRD कर्मचारी मनोज जोशी पर उत्तराखण्ड सचिवालय के एक अधिकारी का विशेष सरपरस्त रहा है। इसी अधिकारी ने मनोज जोशी को उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में नियुक्ति दिलवाई थी। जोशी आयोग में चतुर्थ क्षेणी कर्मचारी होने के बावजूद मनोज जोशी खासा एक्टिव रहता था, उसकी संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए आयोग ने उसे 2020 में नए भवन में काम काज शुरू करने के साथ ही हटा दिया था। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद मनोज को उक्त अधिकारी ने ही पीआरडी के माध्यम से अन्य विभागों में एडजस्ट करवाने का प्रयास किया था।
मनोज आयोग की गोपनीय सूचनाएं नेटवर्क तक पहुंचता था, आयोग से हटने के बाद भी उसने वहां नियुक्त अन्य कर्मचारियों के जरिए खुद को अपडेट रखा। आयोग में तैनात मनोज के एक अन्य करीबी की पत्नी इस परीक्षा में चयनित हुई है। इस कारण एसआईटी और आयेाग को संदेह है कि उक्त अधिकारी की इस प्रकरण में भूमिका हो सकती है। पूर्व की भर्तियों में उन पर कई संगीन आरोप लग चुके हैं।
मोरी और चम्पावत रहे हॉट स्पॉट :
स्नातक स्तरीय भर्ती में उत्तरकाशी का मोरी, नौगांव, पुरोला ब्लॉक के साथ ही चम्पावत जिले से भी सर्वाधिक युवा चयनित हुए हैं। इन दोनों क्षेत्रों में सामान्य तौर पर पढ़ाई का स्तर इतना बेहतर नहीं है। फिर भी देहरादून और हल्द्वानी जैसे शहरों पर यहां के युवाओं का भारी पड़ना एक असामान्य तथ्य है। इसे पेपर आउट कांड से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

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