( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जमीन फर्जीवाड़े के अलावा दिल्ली में तैनाती के दौरान विभिन्न आरोपों से घिरे दो आईएएस अफसरों पर बड़ी कार्रवाई की है। मंत्रालय ने एक आईएएस को जहां तत्काल सस्पेंड कर दिया है, वहीं एक का तबादला बतौर पनिशमेंट लद्दाख कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अन्य राज्यों के आईएएस अफसरों में हड़कंप मचा है। इधर, उत्तराखंड में भी जमीन फर्जीवाड़े से लेकर विभिन्न योजनाओं में फर्जीवाड़ा करने वाले ऐसे अफसरों के नाम समय समय पर उजागर हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जानकारी दिल्ली सरकार के सेवा सचिव रहे आईएएस आशीष मोरे पर जमीन फर्जीवाड़ा समेत कई मामलों में गंभीर आरोप लगे थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मोरे का ट्रांसफर लद्दाख कर दिया गया है। इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और वर्तमान में मिजोरम में तैनात आईएएस उदित प्रकाश राय को भी जमीन फर्जीवाड़ा और अन्य गंभीर आरोपों के चलते सस्पेंड कर दिया गया है।
2005 बैच के मोरे पर ये आरोप
आईएएस आशीष मोरे 2005 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। दिल्ली में तैनाती के दौरान वह विवादों में उस समय आए जब सुप्रीम कोर्ट की ओर से सेवा विभाग के अधिकार को लेकर फैसला सुनाया गया था। उस दौरान एलजी सचिवालय और दिल्ली सरकार के बीच बढ़े विवाद में मोरे अपने फैसलों की वजह से दिल्ली सरकार के निशाने पर रहे। इसके अलावा निजी लोगों को जमीन आवंटित करने का भी आरोप मोरे पर उत्तरी दिल्ली में डीएम पद पर रहते हुए लगे। आरोप है कि उन्होंने सरकारी जमीनों को निजी लोगों को अलॉट किया है।
आईएएस उदित पर ये लगे आरोप
कोविड के दौरान स्वास्थ्य विभाग में बतौर सचिव काम करने वाले 2007 बैच के आईएएस अधिकारी उदित प्रकाश राय दिल्ली में जल बोर्ड के सीईओ बने। आईएएस उदित पर आरोप है कि जल बोर्ड की जमीन पर एक आधिकारिक आवास का निर्माण बिना अनुमति करवाया गया। इसके लिए पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित ऐतिहासिक इमारत को ढहा दिया। उनके ऊपर दिल्ली सरकार के कृषि उत्पादन विपणन समिति में रहते हुए रिश्वत लेने का भी आरोप है, जिस पर एलजी गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेज चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय को उनके खिलाफ मिली गंभीर शिकायत पर तत्काल निलंबित कर जांच के आदेश दिए हैं।
उत्तराखंड में रामविलास यादव जैसे कई अफसर
उत्तराखंड में भी समय समय पर भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोपों से कई चर्चित आईएएस अफसरों का करीबी से रिश्ता रहा है। कुछ के खिलाफ सरकार ने जांच बिठाई तो कुछ पर निलंबन की कार्रवाई भी हुई। कुछ के खिलाफ अभी भी जांच चल रही है। हाल ही में विजिलेंस जांच के बाद जेल गए रामविलास यादव इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। जबकि कुछ फिलहाल पुरानी जांचों पर पर्दा डालने में कामयाब जरूर हुए, लेकिन यदि दुबारा फ़ाइल खुली तो कई बेनकाब होंगे। जिनकी जगह सिर्फ सलाखों के भीतर है।

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