( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। योगनगरी ऋषिकेश और धर्मनगरी हरिद्वार की बहुत जल्द अब सूरत बदलने वाली है। यहां की ऐतिहासिक विरासतों का संरक्षण करते हुए सरकार री-डेवलपमेंट प्लान लाने जा रही है। वहीं, रायपुर में कैपिटल सिटी और जौलीग्रांट में एयरोसिटी निर्माण की प्रक्रिया भी आगे बढ़ने लगी है। मैकेंजी ग्लोबल ने हाल ही में इस बदलाव का प्रस्तुतिकरण भी दिया है। इसके तहत कृषि भूमि का अधिग्रहण कर उस पर ग्रीन फील्ड टाउनशिप विकसित करने की भी योजना है।
रायपुर कैपिटल सिटी : सितंबर तक तैयार हो जाएगा डिजाइन
सरकार रायपुर में 85 हेक्टेयर भूमि पर कैपिटल सिटी बनाने जा रही है। इसके लिए वन विभाग ने 60 हेक्टेयर जमीन दे भी दी है। यह कैपिटल सिटी उत्तर में रायपुर से थानो रोड तक, दक्षिण में हरिद्वार रोड तक, पश्चिम में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री सीमा को छोड़कर नाले के पूरब तक और पूरब में भोपालपानी, बडासी ग्रांट व कालीमाटी ग्राम की सीमा तक बनेगी।
60 हेक्टेयर भूमि पर तो सचिवालय, विधानसभा, निदेशालय, प्रोजेक्ट ऑफिस बनेंगे। जबकि महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के पास 25 हेक्टेयर जमीन पर आवासीय और व्यावसायिक प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा। सरकारी दफ्तरों से यह जुड़े हुए होंगे। सितंबर तक इसका डिजाइन तैयार हो जाएगा। इसी साल दिसंबर में यहां भूमि पूजन होगा। निजी निवेश करने वालों को यहां 30 साल तक छूट मिलेगी।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी है टास्क फोर्स
नए शहरों की स्थापना के लिए सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टास्क फोर्स बनाई है। इसमें अपर मुख्य सचिव उपाध्यक्ष, सचिव आवास सदस्य सचिव हैं। इके अलावा सचिव नियोजन, सचिव शहरी विकास, सचिव ऊर्जा, सचिव राजस्व, सचिव वन एवं पर्यावरण, एमडीडीए उपाध्यक्ष, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन अधिकारी, उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद के संयुक्त मुख्य प्रशासक इसमें बतौर सदस्य शामिल हैं।
जौलीग्रांट एयरो सिटी : पांच हजार से ज्यादा को मिलेगा रोजगार
जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पास सरकार एयरोसिटी बनाने जा रही है। इसमें इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी, मेडिकल, हॉस्पिटैलिटी और कॉमर्शियल कांप्लेक्स बनेंगे। यहां रानीपोखरी तक बनने जा रही है, जिसमं एयरपोर्ट से संबंधित इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग, हेलीपोर्ट, नाइट लैंडिंग की सुविधा भी मिल सकती है। इससे पांच से छह हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।
हर साल यहां पांच से छह हजार करोड़ का कारोबार होगा। राज्यवासियों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी। यह 100 एकड़ जमीन पर बनने जा रहा है। इसमें 50 एकड़ में आईटी सिटी, 20 एकड़ में मेडि सिटी, 15 एकड़ में कॉमर्शियल और 15 एकड़ में हॉस्पिटैलिटी का प्रोजेक्ट बनेगा। यहां विदेशों की तर्ज पर पार्क स्थापित किया जाएगा। पार्क में जॉगिंग, साइक्लिंग ट्रैक और ध्यान लगाने के लिए हट की व्यवस्था होगी। साथ ही लैंड स्केपिंग और आस्ट्रेलियन ग्रास तक लगाने पर विचार चल रहा है। वहीं, हर मौसम में पार्कों में फूल और हरियाली नजर आएगी।
वाराणसी, अयोध्या की तर्ज पर ऋषिकेश-हरिद्वार का रि-डेवलपमेंट
हरिद्वार में चार क्षेत्रों देवपुरा से भूपतवाला(दूधा धारी चौक), हर की पौड़ी और आसपास के 1.5 किमी क्षेत्र, कनखल क्षेत्र में दक्ष मंदिर व सन्यास रोड और भूपतवाला से सप्तऋषि आश्रम में भारत माता मंदिर तक हेरिटेज मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इस हिसाब से यहां का विकास किया जाएगा। इसके तहत भारत माता मंदिर, हर की पौड़ी, मनसा देवी, माया मंदिर, नारायणी शिला मंदिर, सती कुंड, दक्ष मंदिर, हनुमान मंदिर और चंडी देवी मंदिर को शामिल किया जाएगा। जबकि ऋषिकेश में तीन क्षेत्रों को इसके लिए चिन्ह्ति किया गया है। रेलवे स्टेशन और मानवेंद्र नगर के अलावा पूरे रीजन का प्लान बनाया जा रहा है। इसकी दो बैठक हो चुकी है। जल्द ही डीपीआर तैयार होगी।
सरकार को पांच से छह हजार करोड़ बचेंगे
रायपुर में कैपिटल सिटी बनाने से सरकार की करीब 200 एकड़ भूमि पर बनी सरकारी इमारतें खाली हो जाएंगी। मैकेंजी ग्लोबल का आकलन है कि यह संपत्ति 5000 से 6000 करोड़ कीमत की होगी। इसस शहरों में बड़े पैमाने पर विकास का खाका तैयार हो सकेगा। वहीं, इन क्षेत्रों में निर्माण पर एक्सट्रनल डेवलपमेंट चार्ज देना होगा।

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