( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार।आश्रम के स्वामित्व की चाह में साध्वी मां ने अपनी बेटी को एक साधु को सौंप दी थी। हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने मामले से पर्दा उठाते हुए आरोपी मां और साधु को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है। मूल रूप से असम के देउसाल जागीरोड जिला मोरीगांव की रहने वाली एक साध्वी ने असम में मुकदमा दर्ज कराया था।
आरोप लगाया था कि शास्त्री नगर गाजियाबाद यूपी की एक अध्यात्मिक संस्था से जुड़े लोग उसकी बेटी को अपने साथ हरिद्वार से ले गए थे। जहां उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया था। असम पुलिस ने घटना स्थल हरिद्वार का होने के चलते जांच यहां ट्रांसफर कर दी थी। हरिद्वार पुलिस ने जब शास्त्री नगर गाजियाबाद के रहने वाले नामजद आरोपी मिशलेश शुक्ला, राजेश शुक्ला से संपर्क साधा तब मामला दूसरा ही निकला।
युवती ने भी जब हकीकत पुलिस को बताई तब एक बारगी पुलिस भी हैरान रह गई। पुलिस ने युवती को यहां लाकर कोर्ट में बयान कराए।
कोतवाली प्रभारी राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि युवती अपनी साध्वी मां के साथ यहां सुभाषनगर गली नंबर पांच निकट शंकर आश्रम ज्वालापुर में रह रही थी।
उसकी मां का साधु कृष्णमुरारी निवासी श्री वृन्दावन धाम, निकट पटियालावालों की धर्मशाला, रानीगली भूपतवाला के यहां आना-जाना था, वह अपनी बेटी को भी आश्रम में ले जाती थी। पुलिस के अनुसार आश्रम में ठहरने के दौरान आरोपी साधु ने कई बार उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया, जब बेटी ने आपबीती मां के समक्ष बयां की तब मां ने चुप रहने की नसीहत दी।
बेटी के विरोध करने पर उन्होंने उसे शास्त्री नगर गाजियाबाद में एक अध्यात्मिक संस्था में रहने के लिए भेज दिया, जहां युवती ने अपनी दास्तान बताई। अध्यात्मिक संस्था के पदाधिकारियों ने जब साधु को उसकी करतूत उजागर कर देने की बात कही, तब उसने पीड़िता की मां के साथ मिलकर असम पहुंचकर झूठा मुकदमा दर्ज कराया। कोतवाल ने बताया कि साध्वी को लालच था कि साधु उसे अपना आश्रम सौंप देगा, उसी की चाह में उसने बेटी के साथ दुष्कर्म होने पर विरोध नहीं किया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

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