( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
रुद्रपुर। उत्तर प्रदेश में मतदान का आज पहला चरण का मतदान शुरू हो गया है और उत्तराखण्ड में मतदान की तारीख नज़दीक है। तब भी राज्य में दलबदल सुर्खियों में बना हुआ है। चुनाव प्रचार के अंतिम समय में भी नेताओं के दल बदलने का सिलसिला इस तरह जारी है कि अब बात भाजपा और कांग्रेस के बीच की ही नहीं रह गई। काशीपुर में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तहत समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सरदार बलजिंदर सिंह ने अचानक कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र चंद्र सिंह को न सिर्फ समर्थन दे दिया, बल्कि समर्थकों के साथ कांग्रेस का हाथ थाम लिया। सपा को बड़ा झटका तो लगा ही, कांग्रेस ने अपना कुनबा भी मज़बूत कर लिया। राज्य गठन के बाद चार बार चुनाव हो चुके हैं और उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी को कभी जीत नसीब नहीं हो सकी है। इसकी बड़ी वजह उसका लगातार कमज़ोर होता संगठन रहा है। इस चुनाव में सपा की तरफ से घोषित प्रत्याशियों की सूची में काशीपुर से सरदार बलजिंदर सिंह को टिकट दिया गया था, लेकिन दूसरी सूची में उनका नाम काटकर मोहम्मद कासिम चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया। उसके बाद फिर पार्टी हाईकमान ने टिकट बदल दिया और बलजिंदर को फिर प्रत्याशी बनाया। बलजिंदर साइकिल के निशान पर चुनाव प्रचार में जुटे थे, लेकिन अचानक उन्होंने पाला बदल लिया।
बदलाव के लिए दलबदल या कोई लालच?
बलजिंदर सिंह ने कांग्रेस में शामिल होने पर कहा कि बीजेपी सरकार ने किसानों पर बड़ा अत्याचार किया, जिसके बाद वह राजनीति में आए। बलजिंदर के मुताबिक वह किसान आंदोलन में शामिल रहे और सपा के चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन अब सत्ता में बदलाव चाहते हैं इसलिए कांग्रेस के प्रत्याशी नरेंद्र चंद्र सिंह को जिताने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे। उन्होंने किसी लालच के चलते कांग्रेस में आने की चर्चा को सिरे से खारिज किया।
त्रिकोणीय हो गई है काशीपुर सीट!

इस सीट पर कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार बन गए हैं। बीजेपी प्रत्याशी त्रिलोक सिंह के सामने लगातार चार बार विधायक पिता हरभजन सिंह चीमा की राजनीतिक विरासत बचाने की चुनौती है। वहीं पूर्व सांसद केसी बाबा के बेटे और कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र को तीन दशक से चल रहे पार्टी के वनवास को खत्म करना है। इधर, आम आदमी पार्टी प्रत्याशी दीपक बाली भी बीजेपी और कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। वह कई ग्राम प्रधानों और पार्षदों को अपने पाले में ला चुके हैं।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही बीजेपी नेता माया कोश्यारी ने भी कांग्रेस का दामन थामा। लालकुआं सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मौजूदगी में कांग्रेस में आईं माया पूर्व मुख्यमंत्री भगतसिंह कोश्यारी की रिश्तेदार हैं और भाजपा की महिला विंग में बड़ी भूमिका में रह चुकी हैं। माया के बाद, मतदान से ठीक पहले के दौर में बलजिंदर का कांग्रेस में आना एक और बड़ा दलबदल समझा जा रहा है।

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