( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
कैथल। एक रैली के दौरान कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के विवादित बयान का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह कह रहे हैं कि जो लोग भाजपा को वोट देते हैं और भाजपा समर्थक हैं, वे राक्षस प्रवृत्ति के हैं। मैं महाभारत की इस भूमि से श्राप देता हूं। कैथल के भाई उदय सिंह किला परिसर में आयोजित हुए जन आक्रोश प्रदर्शन में रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर विवादित टिप्पणी कर दी। सुरजेवाला ने भाजपा के समर्थकों और वोट देने वालों तक को राक्षस प्रवृत्ति के लोग बता दिया।
टिप्पणी के बाद सियासी बहस शुरू हुई
सुरजेवाला ने कहा ये राक्षसों, भाजपा-जजपा के राक्षसों, राक्षस हो तुम लोग। भारतीय जनता पार्टी को जो वोट देता है और जो भाजपा का समर्थक है वह राक्षस प्रवृत्ति का है। मैं आज महाभारत की इस धरती से उन्हें श्राप देता हूं। उनकी इस टिप्पणी के बाद सियासी बहस तेज हो गई है। सुरजेवाला ने कहा कि करनाल में 17 से 18 किलोमीटर चिलचिलाती गर्मी में जहां लोग बेहोश हो रहे थे।
वहीं, करनाल में हुए प्रदर्शन में कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा और किरण चौधरी मुख्यमंत्री के निवास स्थान तक गए। क्योंकि सीईटी में बैठने वाले प्रदेश के 11 लाख 22 हजार युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद थी। वे बच्चे चिलचिलाती धूप से नहीं डरते, बल्कि मौजूदा सरकार के अत्याचार से डरते हैं। सरकार बेशक नौकरी न दें, कम से कम परीक्षा में तो बैठने दे। सुरजेवाला ने अंत में मौजूदा सरकार पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की।
CM खट्टर ने कहा ,केवल राक्षस प्रवृत्ति के परिवार में जन्मा व्यक्ति ही सोच सकता है
इसके पश्चात् हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग करने के बारे में केवल राक्षस प्रवृत्ति के परिवार में जन्मा व्यक्ति ही सोच सकता है। मुझे लगता है ये असंसदीय भाषा है, हम इस पर जरूर संज्ञान लेंगे।
क्या कहा CM शिवराज सिंह चौहान ने
वही मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। कांग्रेस नेता जनता को राक्षस कह रहे हैं… क्या बीजेपी को वोट देने वाले करोड़ों लोग “राक्षस” हैं? आप (सोनिया गांधी और राहुल गांधी) क्या मानते हैं? क्या आप जनता को “राक्षस” मानते हैं? भाजपा जनता को भगवान मानती है। मैं हमेशा कहता हूं कि मध्य प्रदेश मेरा मंदिर है, वहां रहने वाले लोग मेरे भगवान हैं और हम उस भगवान के पुजारी हैं…आप अपने आप को भगवान मानते हैं। क्या यही आपकी ‘मोहब्बत की दुकान’ है?