(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बस कुछ ही घंटो में भारत की सरजमीं पर पहुंचने वाले है। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी गुजरात के अहमदाबाद जाकर उनका स्वागत करने वाले है। जिसके लिए वह नई दिल्ली से रवाना हो चुके हैं। दोनों नेताओं का स्वागत करने के लिए मोटेरा स्टेडियम तैयार है। ट्रंप और मोदी की दोस्ती से इतर इस दौरे पर दोनों देश पांच सौदे करने करने वाले हैं। जोकि भारत-अमेरिका के रिश्तों को एक नया आयाम देने का काम करेंगे। इसमें घरेलू सुरक्षा, बौद्धिक संपदा कानून, परमाणु सौदे के तहत रिएक्टर समझौता, रक्षा सौदा और सीमित ट्रेड डील शामिल है। सीमित ट्रेड इसलिए क्योंकि भारत दौरे से पहले ही ट्रंप साफ कर चुके हैं कि इस यात्रा के दौरान व्यापार समझौता होने की गुंजाइश कम है।
यात्रा के दौरान एच-1बी वीजा पर होगी बात
पिछले दिनों विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आपसी संबंध बढ़ाने और एच-1बी वीजा के मुद्दे को उठाया जाएगा। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने वीजा के नियम कड़े कर दिए हैं। जिसके बाद भारतीय युवाओं का अमेरिकी सपना मुश्किल हो गया है। अपनी 36 घंटे की यात्रा के दौरान ट्रंप अहमदाबाद से आगरा जाएंगे। इसके बाद दिल्ली में द्वीपक्षीय मुद्दों पर बातचीत होगी।
तालिबान समझौता और चीन पर होगी बात
ट्रंप-मोदी के बीच सामरिक मुद्दे हावी रहने के आसार हैं। खासतौर से अमेरिका और तालिबान के बीच होने वाली शांति वार्ता और चीन की पाकिस्तान को मदद के बाद प्रधानमंत्री मोदी भारत का मजबूती से पक्ष रखेंगे। डोनाल्ड ट्रंप भारतीय प्रधानमंत्री से अमेरिकी सामान पर आयात शुल्क घटाने की बात कर सकते हैं।
रक्षा सौदे को लेकर हो सकती है बात
रक्षा सौदा एक ऐसा क्षेत्र है जहां ट्रंप भारतीय रुख को समझेंगे। ट्रंप यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि भारत हथियारों का एक बड़ा खरीददार है और इस मामले में रूस लीड ले सकता है जो अमेरिका का प्रतिद्वंदी है। भारत के रूस के साथ एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का सौदा करने के बाद ट्रंप बेचैन हो गए थे। हालांकि भारत ने बाद में अमेरिका के साथ भी एयर डिफेंस डील की।
डिफेंस डील की तैयारी, हो सकता है परमाणु समझौता
ट्रंप के भारत दौरे से पहले मोदी सरकार ने 24 एमएच-60 रोमिया हेलिकॉप्टर और छह एएच-64ई अपाचे हेलिकॉप्टर खरीदने को मंजूरी दे दी है। जिसपर यात्रा के दौरान मुहर लग जाएगी। इस दौरान डिफेंस डील का दायरा बढ़ाने पर भी एलान हो सकता है। भारत-अमेरिका के बीच 2008 में ऐतिहासिक परमाणु समझौते हुआ था। जिसके बाद इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया था कि वेस्टिंगहाउस और न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआईएल) आंध्र प्रदेश के कोव्वादा में 1100 मेगावाट के छह रिएक्टर बनाने की बात कर रहे हैं। परमाणु समझौते के तहत किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर पूरी जिम्मेदारी सप्लायर पर डालने के प्रावधान से अमेरिका चिंतित था। हालांकि इसमें ऑपरेटर की भूमिका को भी शामिल किया गया है। वहीं बीमा कवर देने की भी बात है जिसके बाद अमेरिकी कंपनियों ने उत्सुकता दिखाई है।
अंतरिक्ष तकनीक पर बात संभव
दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष तकनीक पर भी बातचीत हो सकती है। भारतीय अतंरिक्ष एजेंसी इसरो ने अमेरिका के 209 सैटेलाइट प्रक्षेपित किए हैं। इसके अलावा इसरो और अमेरिकी अतंरिक्ष एजेंसी नासा मिलकर माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट बना रहे हैं। जिसमें एल और एस बैंड रडार होंगे। जहां नासा एल बैंड बनाएगा। वहीं इसरो एस बैंड बनाएगी। यह सैटेलाइट दुनिया की पहली दो बैंड से लैस वाली सैटेलाइट होगी।