( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून / हरिद्वार। उत्तराखण्ड राज्य में डेंगू बेकाबू होता जा रहा है। जिसको लेकर स्वास्थ्य महकमा जहा अलर्ट मोड़ पर है वही अधिकारी भी अपने स्तर से जीरो ग्राउंड पर कार्य कर रहे है। देखा जाय तो डेंगू के कहर से पुलिस महकमा भी अछूता नहीं है। विभाग में बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मी डेंगू की चपेट में बताई जा रहे हैं।
कई थाने तो ऐसे हैं जहां दरोगा से लेकर सिपाही और चालक तक डेंगू की गिरफ्त में है।हाल ये है कि हरिद्वार से लेकर देहरादून तक 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें कई इंस्पेक्टर दारोगा और सिपाही तक शामिल हैं। हालत गंभीर होने के चलते कई पुलिस कर्मियों को आईसीयू तक में भर्ती कराया गया है।
प्रदेश के पुलिस मुख्यालय की ओर से करीब डेढ़ महीना पहले पुलिस महकमे को आगाह किया गया था कि डेंगू से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। थाना कोतवाली से लेकर दफ्तरों के आसपास कहीं भी साफ पानी जमा ना होने दिया जाए।
इस बीच हरिद्वार जिले के एलआईयू इंस्पेक्टर नीरज यादव से लेकर डोईवाला कोतवाली प्रभारी राजेश साह तक करीब 4 से 6 इंस्पेक्टर डेंगू की मार झेल रहे हैं। करीब दो सप्ताह से डेंगू से संघर्ष कर रहे ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा की तबीयत अब ठीक है और वह घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे है।
पिरान कलियर थाने के दीवान अश्वनी कुमार, चालक नीरज राणा समेत हैड कांस्टेबल जमशेद अली और भीमदत्त शर्मा वायरल बुखार की चपेट में है। इनके अलावा पुलिस दफ्तर में तैनात कोई और पुलिस कर्मी भी डेंगू से पीड़ित हैं।इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के डेंगू की चपेट में आने के चलते कामकाज प्रभावित हो रहा है।
जिससे अधिकारी भी परेशान है और इन पुलिसकर्मियों के परिजन भी चिंता में हैं।जबकि तात्कालिक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी पुलिसकर्मी में डेंगू के लक्षण नजर आए तो तुरंत अपने खून की जांच कराते हुए उपचार कराएं।