( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड में सरकारी और अशासकीय स्कूलो में सिटी कैडर के शिक्षकों का एलटी कैडर में समायोजन में शिक्षा विभाग के अफसरों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की। इतना ही नहीं सिटी कैडर के मृत घोषित होने के बावजूद भी नियुक्ति की जाती रही है।
इसका खुलासा तब हुआ जब सरकार के निर्देश पर ऑडिट टीम जांच करने आई तो पांच जिलों के अफसर रिकार्ड दबाकर बैठ गए। पूरा रिकार्ड न मिलने के कारण यूएसनगर, बागेश्वर, हरिद्वार, टिहरी और नैनीताल की जांच अधूरी छोड़नी पड़ी है। शिक्षा विभाग में सरकारी और अशासकीय स्कूलों में कार्यरत सीटी संवर्ग के शिक्षकों के संविलियन और वेतन निर्धारण की ऑडिट जांच में कई अनियमितताएं सामने आई हैं।
निदेशक-लेखा परीक्षा (ऑडिट) ने शिक्षा विभाग को रिपोर्ट भेजते हुए सभी ऑडिट आपत्तियों पर जवाब दाखिल करने को का है। मालूम हो कि वर्ष 1989 में सरकार ने सीटी कैडर को समाप्त कर दिया था। कक्षा से छठ से आठवीं कक्षा तक के शिक्षकों की भर्ती की जाती थी। पांचवे वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद इसे मृत घोषित कर दिया गया था। सीटी शिक्षकों को एलटी कैडर में मर्ज किया गया। लेकिन,उसके बाद भी नियुक्तियां की जाती रही हैं।
कुमाऊं मंडल
अल्मोड़ा में दो प्रधानाचार्य को चयन वेतनमान का लाभ देने में गलत इंक्रीमेंट लगाया गया। 19 फरवरी 1989 में सीटी ग्रेड के मृत संवर्ग घोषित होने के बावजूद 23 लोगों की नियुक्ति कर दी गईं। चंपावत में जीआईसी गैंडाखाली, जीआईसी स्वाला, जीजीआईसी बनबसा में गलत वेतन निर्धारण कर शिक्षकों को ज्यादा भुगतान किया गया। सीटी संवर्ग मृत होने के बाद भी18 लोगों की नियुक्तियां की गईं हैं। पिथौरागढ़ में सीटी कैडर मृत होने के बाद भी 28 शिक्षक भर्ती किए गए है।
गढ़वाल मंडल
देहरादून में जीजीआईसी राजपुर रोड में दो, जीआईसी नालापानी में दो, मेहरावना चकराता सहित कई स्कूलों में गलत वेतनमान दिया गया। तीन अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों को वेतनमान भी बड़ी गड़बड़ी पाई गई। चमोली में चंद्रिका देवी इंटर कालेज के दो शिक्षक और जीआईसी गौचर के एक शिक्षक का सीटी से एलटी में संविलियन का लाभ नहीं दिया गया। उत्तरकाशी में जीआईसी श्रीकोट, जीआईसी गंगोरी, आदर्श विद्यालय चिन्यालीसौड़ सहित कई विद्यालयों में ज्यादा वेतनमान दिया गया।
पौड़ी में नियमित रूप से हो रही कार्रवाई
ऑडिट टीम ने पौड़ी जिले में केवल चार शिक्षकों को लाभ देने में लापवाही पाई है। बाकी विनियमितीकरण, वेतनमान निर्धारण में प्रक्रिया ठीक पाई गई। जिन शिक्षकों को गलत निर्धारण से अधिक वेतन का भुगतान हो गया था, उनकी वसूली की जा रही है।
शिक्षा निदेशक ने जिलों से मांगा जवाब
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने सभी सीईओ को ऑडिट रिपोर्ट की प्रति भेजते हुए सभी आपत्तियां पर तत्काल जवाब मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। मालूम हो कि इससे पहले महालेखाकार की रिपेार्ट में भी शिक्षा विभाग में 443 ऐसे मामले पाए गए हैं, जिनमे अनियमितता की पुष्टि हुई।