( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड में राजनैतिक सरगर्मियां आजकल अपने शुरुर पर है । क्योकि राजनितिक पार्टियों की प्रेशर पॉलिटिक्स और डैमेज कंट्रोल के बीच कांग्रेस में हरीश रावत का मामला शुक्रवार को किसी तरह शांत हुआ, तो भाजपा में हरक सिंह रावत के गुस्से के चलते एक तूफान आ गया। इस्तीफा देने की बात कहकर कैबिनेट बैठक से निकल गए हरक सिंह रावत की लोकेशन शनिवार सुबह तक ट्रैस नहीं हो सकी, तो उत्तराखंड सरकार और भाजपा मिलकर रावत को मनाने में जुटी रही। जिसकी बानगी उत्तराखण्ड से लेकर दिल्ली तक देखने को मिली। इस मान मनौव्वल की पूरी कसरत में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर उत्तराखंड के नेताओं तक ने जिसने जैसे हो सकी भूमिका निभाई।
हरक सिंह रावत को मनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर अमित शाह तक और मामले से जुड़े तमाम नेताओं ने हरक सिंह से बातचीत की। इसके बाद शनिवार सुबह पार्टी ने साफ तौर पर कह दिया कि हरक सिंह नाराज़ नहीं हैं और न ही किसी नेता के बीजेपी छोड़कर जाने की कोई संभावना है। हरक सिंह के विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के लिए भी सरकार मान गई है, लेकिन इस पूरी बातचीत में एमएलए उमेश शर्मा से लेकर बीजेपी के प्रदेश संगठन और केंद्रीय मंत्री तक की भूमिका रही।
बताया जा रहा है कि भाजपा ने विधायक उमेश शर्मा काऊ को रूठे हुए हरक सिंह से बातचीत करने के लिए कहा था क्योंकि काऊ को हरक सिंह का करीबी माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक काऊ की बातचीत के बाद ही हरक सिंह से मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बातचीत की और उनकी बात मानी। कहा जा रहा है कि हरक सिंह की बातचीत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से करवाने में भी प्रदेश संगठन के नेताओं की भूमिका रही। शनिवार सुबह भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन कौशिक ने भी हरक सिंह से बातचीत की।
हरक सिंह की लोकेशन नहीं मिल सकी
शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक से निकल गए हरक सिंह की तलाश शनिवार सुबह तक चलती रही। न तो वह अपने सरकारी आवास में पहुंचे थे और न ही रात तक डिफेंस कॉलोनी स्थित अपने आवास पर पहुंचे थे। शनिवार सुबह भी हरक सिंह के सरकारी और निजी मोबाइल फोन नंबर स्विच ऑफ ही रहे। जब तक पार्टी की तरफ से उन्हें मना लिये जाने संबंधी काऊ का बयान नहीं आया, हरक सिंह की लोकेशन को लेकर भी सरगर्मियां बनी रहीं।