( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून / यमुनोत्री। उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव 2022 के वोटिंग होने के ठीक बाद परिणाम आने से पूर्व कुछ प्रत्याशियों ने अपनी पार्टी के भीतर भितरघातियों पर निशाना साधने लगे है।
भाजपा से यमुनोत्री सीट से प्रत्याशी केदार सिंह रावत भी शनिवार को उन नेताओं की सूची में शामिल हो गए जिन्होंने अपनी ही पार्टी के सहयोगियों पर चुनाव में उनके खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है। रावत ने अपनी जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि अगर कुछ पार्टी पदाधिकारी उनके खिलाफ काम नहीं करते तो जीत का अंतर और बड़ा हो सकता था।
केदार सिंह रावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘मतदाता भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में थे, खासतौर पर पहाड़ों में। लेकिन जहां तक मेरी सीट का सवाल है तो पार्टी के भीतर ही पद रखने वाले लोगों ने उसके हित के खिलाफ काम किया, नहीं तो जीत का अंतर और बड़ा हो सकता है। हालांकि, इसके बावजूद थोड़े कम अंतर से पार्टी इस सीट पर जीत जाएगी।’ रावत ने किसी भी पार्टी पदाधिकारी का नाम बताने से इनकार कर दिया जिन्होंने कथित तौर पर उनके खिलाफ काम किया था। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह पदाधिकारियों के नाम का खुलासा पार्टी मंच से ही कर देंगे।
गौरतलब है कि 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा के लिए 14 फरवरी को मतदान हुआ था और नतीजे 10 मार्च को आएंगे। हरिद्वार के लक्सर सीट से तीसरी बार अपना भाग्य आजमा रहे भाजपा विधायक एवं प्रत्याशी संजय गुप्ता ने मतदान के एक दिन बाद ही इस तरह का आरोप लगाया था। उन्होंने एक वीडियो संदेश में भाजपा की उत्तराखंड अध्यक्ष मदन कौशिश और उनके लोगों पर बसपा प्रत्याशी का समर्थन करने और उन्हें हराने की योजना बनाने का आरोप लगाया था। उसके बार काशीपुर से विधायक हरभजन सिंह चीमा ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं पर इसी तरह का आरोप लगाया था, जिनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को उनके अनुरोध पर पार्टी ने इस सीट से प्रत्याशी बनाया है। देहरादून छावनी सीट से भाजपा प्रत्याशी सविता कपूर और चंपावत विधायक कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने भी इसी तरह का आरोप लगाया था।