#इरादतन मेडिकल कॉलेज को कराया कर्मकार बोर्ड में सूचीबद्ध |
#अपने अस्पताल को दिलाए लगभग 3 करोड रुपए |
#नामी-गिरामी हॉस्पिटल्स टरका दिए एक-दो लाख में |
#कुछ निजी अस्पतालों पर भी की गई खास मेहरबानी |
#आयुष्मान योजना लागू होने के बावजूद क्यों किया हॉस्पिटल सूचीबद्ध !
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हरक सिंह रावत ने श्रम मंत्री मंत्री रहते हुए अपनी करीबी बोर्ड सचिव श्रीमती दमयंती रावत व अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से अपने सहसपुर स्थित मेडिकल कॉलेज (दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) को 1799 मरीजों के इलाज के नाम पर वर्ष 2017 से 2020 तक 2.92 करोड़ की राशि जारी की , जबकि सरकार द्वारा प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना लागू की हुई है, लेकिन इसके बावजूद करोड़ों रुपए की राशि कर्मकार बोर्ड से इनके अस्पताल को जारी की गई |
उल्लेखनीय है कि इनके अस्पताल द्वारा मरीजों का इलाज तो किया गया है, लेकिन मानकों की धज्जियां उड़ाई गई हैं ,ऐसा सूत्र बताते हैं | नेगी ने कहा कि कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत 10 सूचीबद्ध हॉस्पिटल्स, जिसमें दो नामी-गिरामी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल को मात्र 75,155 रुपए व हिमालयन हॉस्पिटल जौली ग्रांट को 2.71 लाख रुपए जारी किए गए हैं | सवाल यह उठता है कि इतने नामी-गिरामी अस्पतालों पर मेहरबानी क्यों नहीं की गई, इसका सबसे बड़ा कारण है कि इन अस्पतालों से सेटिंग गेटिंग नहीं हो पाती यानी मोटी कमीशन नहीं मिल पाती |
कुछ खास प्राइवेट अस्पतालों पर भी खासी मेहरबानी की गई, जिसमें एमपी मेमोरियल हॉस्पिटल को 31.06 लाख एवं आनंद हॉस्पिटल को 23.36 लाख रुपया जारी किया गया |
हरक द्वारा किन कारणों से/ किस साजिश के तहत अपने हॉस्पिटल को अटल आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध नहीं कराया | मोर्चा सरकार से मांग करता है कि कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा इलाज की धनराशि एवं उसके मानकों को दरकिनार कर बांटी गई करोड़ों की धनराशि की जांच कराएं | पत्रकार वार्ता में- भीम सिंह बिष्ट व वीरेंद्र सिंह मौजूद थे |
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