( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
टिहरी। उत्तराखण्ड के टिहरी जिले के जिला शिक्षाधिकारी द्वारा 17 जुलाई को एक स्थानांतरण सूचि जारी किया है। जिसमे तबादला आदेश 10 जुलाई का होना दर्शाया गया है। इस सूचि में दुर्गम से सुगम स्थानांतरण सूची में ऐसी शिक्षिका का तबादला किया गया, जिसे विकासखंड भिलंगना के दुर्गम विद्यालय से भिलंगना के सुगम में तबादला किया गया हैं। जबकि इस नाम की कोई भी शिक्षिका विकासखण्ड भिलंगना में कार्यरत ही नही हैं।सूत्रों से पता चला है कि जनपद में भी शिक्षिका कार्यरत नही हैं।
फिर प्रश्न उठता हैं स्थानांतरण एक्ट के बाबजूद इस प्रकार का स्थानांतरण कैसे हो गया? शिक्षिका का विकल्प किसने जमा किया? अधिकारी और कर्मचारियों ने इतनी बड़ी गलती कैसे कर दी।जहां दुर्गम के शिक्षक स्थानांतरण के लिए वर्षो से परेशान हैं ऐसे में इस प्रकार के स्थानांतरण उन शिक्षकों को चिढ़ा रहे हैं।
आप देख सकते है कि दुर्गम से सुगम स्थानांतरण सूची में क्रमांक 40 पर बीना चमोली स०अ०रा०प्रा०वि०बजिंगा (भिलंगना ) दुर्गम से रा०प्रा०वि०घोंटी भिलंगना (सुगम) में स्थानांतरण हुआ हैं।
इस प्रकार का स्थानांतरण विभागीय कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता हैं।
उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ टिहरी के जिलाध्यक्ष चन्द्रवीर नेगी और जिला मंन्त्री प्रीतम सिंह बर्त्वाल ने शिक्षा मंन्त्री से इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की हैं।
प्राथमिक शिक्षा के अंदर हुए स्थानांतरण में अनियमितता हुई हैं।स्थानांतरण एक्ट का उल्लंघन हुआ हैं। जांच में दोषी पाये जाने पर सम्बंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों पर स्थानांतरण एक्ट के उल्लंघन के लिए कार्यवाही होनी चाहिए।जिनके कारण शिक्षा विभाग की छवि खराब होती हैं।