( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हल्द्वानी।सात जन्मों तक जीने-मरने के वादे करने वाली गीता ने देवलचौड़ निवासी पति लक्ष्मण संग सात जन्मों तक जीने-मरने के वादे किए थे। उसी ने अपने सुहाग की निर्मम हत्या कर दी। अपनी आंखों के सामने उसने छह घंटे तक पति को तड़पते हुए देखा, मगर अस्पताल पहुंचाना जरूरी नहीं समझा।
तीसरी मंजिल की सीढ़ियों पर दोपहर डेढ़ बजे से तड़पते हुए शाम साढ़े सात बजे लक्ष्मण ने दम तोड़ दिया। मृतक लक्ष्मण सिंह भनवाल तीन भाइयों में सबसे छोटा था। उसके बड़े भाई कुंदन सिंह भनवाल मंडी में नौकरी करते हैं। दूसरे नंबर के भाई चंदन सिंह की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है। लक्ष्मण और उसके भाई व भाभी अलग-अलग मकानों में रहते हैं।
भतीजा ताई के पास आया और कहा- मम्मी ने पापा को मार दिया
बड़े भाई कुंदन ने बताया कि वह देर शाम काम से घर पहुंचे। जानवरों को चारा देने के बाद टीवी पर आइपीएल मैच देखने लगे। शाम साढ़े सात बजे उनका भतीजा ताई के पास आया और बताया कि पापा को मम्मी ने मार दिया है।
इस पर वह तीसरी मंजिल पर पहुंचे तो भाई की मौत हो चुकी थी। उसका शव खून से लथपथ था। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सीओ सिटी का कहना है कि समय से लक्ष्मण को उपचार मिलता तो उसकी जान बच सकती थी।
सिर पीछे से फटने पर वह जमीन पर गिर गया
गीता के सिर हत्या का भूत सवार था। उसने पति के सिर व सीने पर पर्दे की स्टील की रॉड से हमला किया। लक्ष्मण का सिर पीछे से फटने पर वह जमीन पर गिर गया। इसके बाद गीता ने सीने पर वार किए। इतने में भी मन नहीं भरा तो पति को घसीटकर कमरे से छह सीढ़ी नीचे लाकर छोड़ दिया।
बेटे को भी नहीं करने दी मदद
बेटा स्कूल से वापस घर पहुंचा तो तीसरी मंजिल के कमरे में गया। सीढ़ियों पर पिता खून से लथपथ पड़े थे। मां से उसने पिता को अस्पताल लेकर जाने की जिद की। गीता ने पुलिस को बताया कि उसने बेटे को भी नीचे नहीं आने दिया। वहीं वारदात के बाद मौके पर भीड़ जुटी थी।