( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। कोरोना संक्रमण कॉल के इस दौर में लोग जहां सुरक्षित रहने के लिए अपने – अपने घरो में बंद है। वही पुलिसकर्मी मुस्तैदी से सड़को पर अपनी ड्यूटी दे रहे है। सामान्य तौर पर शांति व्यवस्था बनाना पुलिस की जिम्मेदारी है, लेकिन कोरोना महामारी में उसकी चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं। बैरियर प्वाइंटस, कर्फ्यू प्वाइंटस, आइसोलेशन, क्वारंटाइन सेंटर, ऑक्सीजन प्लांट, रेलवे स्टेशन यहां तक की श्मशान घाट पर भी व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस की तैनाती है। सब जगह पुलिस की मौजूदगी ने कोरोना वायरस के लिए उसे साफ्ट टारगेट बना दिया है।
उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने कहा कि चुनौतियां बढ़ गई हैं । कोरोना संक्रमण के सेकेंड वेब में 24 मार्च से अभी तक डेढ़ हजार से अधिक जवान संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से छह पुलिसकर्मी अस्पताल में एडमिट हैं, दो की मौत हो चुकी है। इसके अलावा इस अवधि में 3,533 जवानों को क्वारंटाइन भी करना पड़ा। क्वारंटाइन और पॉजिटिव हुए जवानों में से लगभग तीन हजार स्वस्थ होकर ड्यूटी पर वापस लौट आए हैं। लेकिन, 686 पुलिसकर्मी अभी भी कोविड संक्रमित हैं, जो होम आईसोलेशन में हैं। वहीं, 883 जवान क्वारंटाइन हैं।
कोरोना वायरस ने पुलिस का काम बढ़ाया है तो दूसरी ओर जवानों के लगातार पॉजीटिव होने के कारण मैनपॉवर की कमी हो गई है। डीजीपी का कहना है कि पुलिस को श्मशान घाट से लेकर ऑक्सीजन प्लांट और मेडिकल स्टोर समेत पूरे प्रदेश में करीब 1,800 अतिरिक्त ड्यूटी प्वाइंट बढ़ाने पड़े हैं जिनमें एक शिफ्ट में करीब 4,000 जवान तैनात किए जा रहे हैं। ताज्जुब की बात यह भी है कि पुलिस के जो 1,500 जवान अभी तक कोविड पॉजिटिव आए, उनमें से 1,300 जवान वैक्सीन की डबल डोज भी लगा चुके थे। यह ज्यादातर जवान हरिद्वार कुंभ मेला ड्यूटी में तैनात थे। बहरहाल, पुलिस पर काम के साथ-साथ कोरोना वायरस का भी भारी दबाव है।