( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। करीब 120 दिन के ब्रेक के बाद अब आम लोगों को कभी भी बड़ा झटका लग सकता है। एक ओर ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल 14 साल के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया है, तो दूसरी ओर 5 राज्यों का विधानसभा चुनाव आज अंतिम पड़ाव में आ चुका है। पिछले कुछ सालों के ट्रेंड को देखें तो इस बात की आशंका है कि सरकारी तेल कंपनियां डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाने की शुरुआत अब किसी भी समय कर सकती है।
नवंबर के बाद नहीं बढ़े हैं डीजल-पेट्रोल के दाम
पिछले साल नवंबर में देश के कई राज्यों में डीजल-पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर निकल गए थे.इसके बाद केंद्र सरकार ने एक्साइज घटाकर लोगों को मंहगाई से बड़ी राहत दी थी। उसके बाद से अभी तक डीजल-पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं, बाद में राज्य सरकारों ने वैट घटाया तो इनके दाम कम ही हुए। जब नवंबर में केंद्र सरकार ने एक्साइज में कटौती की थी, तब क्रूड ऑयल 82 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास था। क्रूड ऑयल ग्लोबल मार्केट में अभी 2008 के बाद के उच्च स्तर पर पहुंच चुका है।
पिछले 4 महीने में इतना महंगा हो चुका क्रूड ऑयल
एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रेंट क्रूड रविवार के कारोबार में 11.67 डॉलर यानी करीब 10 फीसदी चढ़कर 129.78 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच पर पहुंच गया। इसी तरह वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट भी 10.83 डॉलर यानी 9.4 फीसदी उछलकर 126.51 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंचा। यह क्रूड ऑयल और वेस्टटेक्सास इंटरमीडिएट दोनों के लिए जुलाई 2008 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. नवंबर से तुलना करें तो अभी क्रूड ऑयल 58 फीसदी से ज्यादा ऊपर निकल चुका है।