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बड़ी खबर : उत्तराखण्ड ने केन्द्र सरकार से पूछा ,क्या हम सीधे विदेश से वैक्सीन खरीद सकते है ! आखिर क्यों ? Tap कर जाने 

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( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

देहरादून। उत्तराखण्ड में कोरोना संकट गहराने की खबरों के बीच राज्य ने केंद्र सरकार से इस बारे में रे मांगी है कि क्या वह विदेश से सीधे वैक्सीन खरीद सकता है। जी हाँ ,उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता में साफ शब्दों में कहा कि राज्य को रोज़ाना 1 लाख वैक्सीन डोज़ों की ज़रूरत है।  ऐसे में आपूर्ति के लिए राज्य को व्यवस्था करना है तो विदेशों का रुख किए जाने का एक रास्ता है। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड ने केंद्र से लिखित तौर पर पूछा है कि क्या राज्य सरकार दूसरे देशों से वैक्सीन खरीद सकती है।  बता दें कि कई राज्यों में वैक्सीन सप्लाई की शॉर्टेज के चलते 18 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों का टीकाकरण या तो धीमा हो गया है या फिर टलता जा रहा है।  ऐसे में उत्तराखंड का यह सवाल अहम हो जाता है। 
ऑक्सीजन उत्पादन की तरफ बढ़ रहा है राज्य’
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए राज्य की रणनीतियों के बारे में बताते हुए ओम प्रकाश ने कहा कि राज्य को 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ज़रूरत है जबकि 126 मीट्रिक टन मिल रही है।  दूसरी तरफ राज्य के अस्पताल 5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर पा रहे हैं।  यह उत्पादन 4 मीट्रिक टन और बढ़ेगा क्योंकि अस्पतालों में प्लांट और लगाए जा रहे हैं। 
वहीं उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि राज्य में मार्च 2020 में 673 ऑक्सीजन बेड थे जबकि अब इनकी संख्या 5500 हो चुकी है।  यही नहीं, एक साल पहले राज्य में 216 आईसीयू बेड थे जबकि इसकी संख्या बढ़कर अब 1390 हो गई है।  वेंटिलेटर भी 116 के मुकाबले 876 हो चुके हैं।  यह भी बताया गया कि राज्य में फिलहाल 9900 ऑक्सीजन सिलेंडर और 1293 ऑक्सीजन कंसेंट्रैटर उपलब्ध हैं। 


जल्द शुरू होगी मोबाइल टेस्टिंग वैन
इस संयुक्त प्रेस वार्ता में उत्तराखंड प्रशासन के ​शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि राज्य के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों तक पहुंचने के लिए मोबाइल टेस्टिंग वैन जल्द शुरू होने जा रही है।  यह वैन गांवों तक जाकर, लक्षण दिखने पर वहीं लोगों की टेस्टिंग करेगी, जिससे सामान्य मरीज़ों को शहर आने की तकलीफ नहीं करना होगी। 
टेस्ट होते ही मिलेगी दवा  

पंकज पांडे ने बताया कि टेस्टिंग और रिजल्ट में अंतर आने को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जो भी टेस्ट करवाएगा, उसे तुरंत दवाई दे देंगे, उसके लिए रिजल्ट का इंतजार नहीं करेंगे। यह व्यवस्था हर जनपद में लागू हो गई है और किट बंटना शुरू हो गई है। यह कार्य चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। राज्य सरकार का प्रमुख लक्ष्य मौत के आंकड़ों को कम करना है।
उन्होंने बताया कि रेमडिसिविर के भाव भारत सरकार ने तय किए हैं। जितने रूपए में सरकार को यह उपलब्ध हो रहा है, उतने ही रूपयों में निजी अस्पतालों को भी ट्रांसफर हो रहा है। हमने निजी अस्पतालों को भी निर्देश दिए हैं कि जनता को भी उतने ही रूपए में रेमडिसिविर उपलब्ध करवाए जाएं, जितने में हमने उन्हें दिया है।
धरपकड़ हुई तेज़ 

अमित सिन्हा ने बताया कि जब से अभियान शुरू हुआ है, अब तक 1150 सूचनाओं पर धरपकड़ की जा चुकी है । उन्होंने बताया कि मिशन हौसला के अंतर्गत डीएम के साथ पुलिस सामंजस्य कर आॅक्सीजन और अन्य सुविधाएं जनता को उपलबध करवा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 22 एफआईआर हो चुकी है, जिसके तहत 33 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं और 194 रिकवरी हुई है।


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