( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
रामनगर। बाघों के मामले में उत्तराखंड का देश में तीसरा स्थान है, यहां पर 560 बाघ रिकॉर्ड हुए जबकि प्रदेश का क्षेत्रफल मध्य प्रदेश और कर्नाटक से बहुत छोटा है। प्रदेश के क्षेत्रफल की बात करें तो हर चार किमी पर एक बाघ मौजूद है। छोटा प्रदेश होने के बाद भी इतने बाघों का संरक्षण करने में उत्तराखंड का देश में पहला स्थान है।
मध्य प्रदेश में 2022 की गणना के अनुसार 785 बाघ होने के चलते देश में पहला स्थान है और राज्य को बाघ राज्य का दर्जा मिला। जबकि कर्नाटक में 563 बाघ हैं और देश में बाघ के मामले में दूसरा स्थान है। 560 बाघ के बाद उत्तराखंड को तीसरा स्थान मिला है। प्रदेश के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 260 मौजूद हैं, जो देश के सभी टाइगर रिजर्व में सर्वोच्च स्थान पर है।
उत्तराखंड भले ही देश में बाघों के मामले में तीसरे स्थान पर हो, लेकिन छोटा प्रदेश होने के बाद भी इतने बाघों का संरक्षण करने में वह पहले स्थान है।
तीन राज्यों का क्षेत्रफल और बाघों की संख्या
राज्य क्षेत्रफल बाघ की संख्या
मध्य प्रदेश 3,08,252 वर्ग किमी 785
कर्नाटक 1,91,751 वर्ग किमी 563
उत्तराखंड 53, 483 वर्ग किमी 560
उत्तराखंड के तराई में ज्यादा बाघ
क्षेत्रफल के हिसाब से उत्तराखंड भारत का 19वां राज्य है। राज्य का क्षेत्रफल लगभग 53,483 वर्ग किमी है। इसका 46,035 वर्ग किमी एरिया पहाड़ी है, जबकि 7,448 वर्ग किमी क्षेत्र मैदानी भाग है। इसी मैदानी भाग में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, राजाजी पार्क, तराई पूर्वी, तराई पश्चिमी, तराई केंद्रीय, रामनगर वन प्रभाग, लैंसडोन वन प्रभाग, नैनीताल वन प्रभाग हैं। तराई क्षेत्र में ही ज्यादा बाघ हैं। क्षेत्रफल के हिसाब से बात करें तो उत्तराखंड के हर किमी में एक बाघ की मौजूदगी है।
क्या कहते है PPCF
वही ,पीपीसीएफ वन्यजीव समीर सिन्हा के अनुसार क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तराखंड छोटा राज्य है, उसके बाद भी 560 बाघ होना गर्व की बात है। यह बेहतर संरक्षण से संभव हो पाया है जबकि मध्य प्रदेश और कर्नाटक राज्य उत्तराखंड से क्षेत्रफल में काफी बड़े हैं।