( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हल्द्वानी। उत्तराखण्ड पहड़ि राज्य होने के कारण जंगली जानवरो का खतरा लगातार बना रहा है। इन जंगली जानवरो के दहशत की बानगी तो देखिये। खुद SDM हल्द्वानी को उसको पकड़ने के लिए मैदान में उतरना पड़ा। जी हाँ ,आपको विश्वास तो नहीं हो रहा होगा पर यह सच्चाई है। जब तेंदुए को पकड़ने के लिए पूरा प्रशासनिक अमले को मैडम में उतरना पड़ा और आखिरकार तेंदुआ 10 घंटे कड़ी मशक्क्त के बाद पकड़ा ही गया।
एसडीएम मनीष सिंह भी तेंदुए को पकड़ने के लिए मैदान में उतर गए। इसके बाद वो एक छत से पत्थर फेंकते नजर आए। दिनभर तेंदुआ पकड़ो अभियान चलता रहा। जिसमें तीन वनकर्मी घायल हो गए। हालांकि घंटों की मशक्कत के बाद आखिरकार तेंदुए को पकड़ लिया गया।
घटना आनंदपुर इलाके की है। जहां रामपुर रोड स्थित हरिपुर कुंवर सिंह गांव में सोमवार सुबह तेंदुआ धमक पड़ा। तेंदुआ गेहूं के खेत में छिपा था बाद में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। एक होमगार्ड वन्यजीव की पहचान करने खेत पर पहुंचा तो तेंदुआ उस पर झपट पड़ा। होमगार्ड पर हमला होते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर रेंजर तनुजा परिहार टीम लेकर मौके पर पहुंची। तेंदुए को पकड़ने की कोशिश में फॉरेस्टर, फॉरेस्ट गार्ड और होमगार्ड घायल हो गए। पूरे दिन चली कवायद के बाद वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ कर ट्रैंकुलाइज कर लिया। इस दौरान प्रशासनिक अमले के बड़े अफसर एसडीएम मनीष सिंह एक छत से तेंदुए पर पत्थर फेंकते दिखे। ताकि तेंदुए को खेत से निकलने पर मजबूर किया जा सके, और उसे जाल में फंसाया जा सके। थोड़ी देर बाद वनकर्मियों की टीम उस गूल तक पहुंच गई जहां तेंदुआ छिपा हुआ था। एक तरफ से गूल का मुंह बंद करने के बाद दूसरी तरफ से डॉक्टरों ने ट्रैंकुलाइज गन का इस्तेमाल किया। तब कहीं जाकर तेंदुआ बेहोश हुआ। नर तेंदुए को रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर में लाया गया है। जहां स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उसे जंगल में छोड़ने का फैसला लिया जाएगा।