( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। हरिद्वार में इन दिनों महाकुम्भ चल रहा है। महाकुम्भ को लेकर सरकार और मेला प्रशासन तमाम बड़े – बड़े दावे कर रहा है। जैसे कि मेष संक्रांति पर खबर लिखे जाने तक ( दोपहर 2 बजे ) लगभग 9,43,452 श्रद्धालुओं के गंगा स्नान करने की बात मेला कर रहा है। ऐसे ही सोमवार को सोमवती अमावस्या पर प्रशासन ने 31 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओ के गंगा स्नान का दावा किया गया था। हैरानी की बात ये है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने के बावजूद ज्यादातर धर्माशालाएं, होटल, सराय और आश्रम खाली रहे और बॉर्डर से आने वाली गाड़ियों की इंट्री भी बेहद सीमित रही। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि इतने लोग आए तो आखिर कहां से आए। होटेलियस एसोसिएशन के हरिद्वार अध्यक्ष विभाष मिश्रा के अनुसार , ज्यादातर होटल खाली रहे। उन्होंने कहा की 31 लाख की संख्या गंगा स्नान करने आई और होटल और धर्मशालाए खली रही यह बात गले से नहीं उतर रही। फिर ये लाखों लोग स्नान के लिए कहां से आ गए। इतना ही नहीं अब तो धर्मशालाएं एसोसिएशन की भी ऐसी ही दलील दे रहे है।
पुलिस की आकड़ो की बाजीगरी पर उठे सवाल
पुलिस से 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या के दिन हरिद्वार और उसके आस-पास स्नान करने वालों की आधिकारिक संख्या 31 लाख 23 हजार बताई, जबकि सरकार के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वाले पोर्टल में महज 349 लोगों ने ही कुंभ में आने के लिए सोमवार का रजिस्ट्रे्शन कराया हुआ था। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों को मानें तो सोमवार को महज पंद्रह सौ से दो हजार श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे। जबकि बॉर्डर पर कोविड टेस्ट न लाने या कोविड टेस्ट कराने को राजी न हुए 357 यात्री गाड़ियों को उल्टा लौटा दिया गया, जिनमें 2758 लोग थे। जबकि हरिद्वार में आने वाली गाड़ियों की संख्या 6538 रही, जिसमें 30 हजार से ज्यादा यात्री सवार होकर हरिद्वार पहुंचे।
सोमवार को देश के विभिन्न शहरों से हरिद्वार पहुंची। 17 ट्रेनों से तकरीबन आठ हजार यात्री हरिद्वार पहुंचे। जबकि बसों से महज पंद्रह सौ यात्री हरिद्वार पहुंचे। इस लिहाज से भूले-बिसरों को भी जोड़ लिया जाए तो ये आंकड़ा एक लाख तक पहुंच सकता है। सोमवार से पहले रविवार को भी हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा इतना ही रहा। ऐसे में मेला प्रशासन द्वारा जारी 31 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के स्नान का आंकड़ा कहां से आया और ये श्रद्धालु कहां चले गए इस पर सवाल उठ रहे हैं।
महाकुंभ तैयारियों से जुड़े आईजी संजय गुंज्याल का दावा है कि उन्होंने एक करोड़ 80 लाख यात्रियों की व्यवस्था की थी, लोग अनुमान से बेहद कम आए इसलिए श्रद्धालुओं की संख्या कम लग रही थी। गुंज्याल के मुताबिक, लोगों ने महाकुंभ के मौके पर हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश तक स्नान किया। इसलिए ये आंकड़ा 31 लाख से ज्यादा पहुंचा है।