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उत्तराखण्ड में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए अभी से उच्च शिक्षण संस्थानों को काम शुरू कर देना चाहिए। आखिर क्या ? टैब कर जाने 

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* गांवों को गोद लेकर जागरूकता अभियान चलायेंगे निजी विश्वविद्यालय
* उच्च शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा एवं स्वच्छता अभियान चलाने का लिया गया निर्णय
* निजी विश्वविद्यालयों के साथ नई शिक्षा नीति लागू करने पर हुई चर्चा।
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून।
 उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकाल एवं दुग्ध विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज निजी विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक हुई। सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित बैठक में विभागीय मंत्री ने निजी विश्वविद्यालयों के संचालाकों एवं कुलपतियों के साथ नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर चर्चा की।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए अभी से उच्च शिक्षण संस्थानों को अभी से काम शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालय शिक्षण कार्यों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए प्रत्येक निजी विश्वविद्यालयों को 2-2 गांव गोद लेना होगा। जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा एवं स्वच्छता अभियान चला कर लोगों को जागरूक करें। इसके अलावा गांवों की तर्ज पर विश्वविद्यालय एक विद्यालय को भी गोद लें।


उन्होंने कहा जागरूकता कार्यक्रमों से विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों का गांवों से सीधा जुड़ाव रहेगा साथ ही स्थानीय समस्याओं से भी अवगत होंगे। वहीं पालयन आयोग के उपाध्यक्ष डा. एस.एस.नेगी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित किये जाने चाहिए। ताकि छात्रों को गांव की तरफ जाने का मौक मिल सकेगा साथ ही ऐसे कार्यक्रमों से विश्वविद्यालयों को भी सीखने का अवसर मिलेगा। वहीं मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार डा. नरेन्द्र सिंह ने कहा कि सामाजिक भागीदारी निभाना विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी है और विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वह अपने शोध कार्यों का लाभ स्थानीय लोगों को पहुंचायें। वहीं हार्क संस्था के संस्थापक डा. महेन्द्र कुंवर ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्या का केन्द्र हैं उन्हें इसे बाउंडरी अंदर बांधना उचित नहीं है। इसे समाज के बीच में चले जाना होगा और स्थानीय मुद्दों को पीएचडी कार्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। वहीं विभिन्न विश्वविद्यालय के संचालकों द्वारा गांवों व स्कूलों को गोद लेने पर अपनी सहमति व्यक्त की।
बैठक में पालयन आयोग के उपाध्यक्ष डा. एस.एस.नेगी, मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार डा. नरेन्द्र सिंह, हार्क के संस्थाक डा. महेन्द्र कुंवर, पंतजलि विवि, देव संस्कृत विवि, गुरू रामराय विवि, स्वामी राम हिमायलय विवि, डीआईटी विवि, आईएमएस विवि, ग्राफिक एरा विवि, पेट्रोलियम विवि, क्वान्टम विवि, कोर विवि, सरदार भगवान सिंह विवि, हिमालयन गढ़वाल विवि, भगवन्त ग्लोबल विवि, सुभारती विवि, उत्तरांचल विवि, इक्फाई विवि, हिमगिरी जी विवि, मदरहुड विवि, हिमालयीय विश्वविद्यालय के चैयरमैन, कुलपति एंव राजिस्ट्रार मौजूद रहे। 

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