( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। कांग्रेस के राष्ट्रिय महासचिव ,उत्तराखण्ड के पूर्व सीएम और चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत अक्सर अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहते है। शुक्रवार को हरीश रावत ने एक ऐसा वीडियो अपनी सोशल मीडिया वॉल पर पोस्ट किया जिसमें वो अपने आंसू पोछते दिख रहे हैं। दरअसल हरीश रावत जिस समय आंसू पोंछ रहे हैं उस समय वो मोबाइल पर एक उत्तराखंडी लोकगीत सुन रहे हैं। इसी दौरान इस लोक गीतों के शब्द सुनकर हरीश रावत के आंखों में आंसू छलक जाते हैं।
हालांकि वीडियो हरदा अपने भावुक होने का कारण भी बताया है। ऑडियो में सुनाई दे रहा गीत हरीश रावत के कामों को लेकर गाया गया है। बताया जा रहा है कि इसे अल्मोड़ा में रहने वाले एक लोक गायक ने गाया है। जिसमें हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहने के दौरान किए गए अच्छे कामों को जिक्र है। जिसे सुनकर हरीश रावत भावुक हो गए हैं. हालांकि हरदा का वीडियो देख लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। हरदा के समर्थक जहां हरदा को 2022 के लिए जरूरी करार दे रहे हैं वहीं उनके विरोधी हरदा पर व्यंग कसने से बाज नहीं आ रहे।
गाने सुनकर करना पड़ेगा टाइम पास
एक यूजर ने ने यूजर ने हरदा की वीडियो पर कमेंट करते हुए लिखा,”हरदा पिछली बार भी आप पर गाने बने थे फिर भी आपको दो जगहों से हार का सामना करना पड़ा। आपको गीत नहीं आपकी नीतियां आपको जिताती हैं। नीतियां आपकी वही हैं 90 मिनट नमाज अदा करने के लिए छुट्टी देकर।आपको फिर यही गाने सुनकर टाइम पास करना पड़ेगा।”
पॉलिटिक्स छोड़ शुरू की एक्टिंग
जबकि एक शख्स ने कमेंट करते हुए व्यंग किया कि पॉलिटिक्स छोड़ हरदा ने एक्टिंग शुरू कर दी है। जबकि त्रिभुवन सिंह राणा ने हरीश रावत का समर्थन करते हुए लिखा कि निसंदेह आज संम्पूर्ण उत्तराखंड को आपकी जरूरत है। आप है तो विश्वास है कि उत्तराखंड के लोगों का बेरोजगारी का आलम, मंहगाई का आलम, शिक्षा, स्वास्थ्य, आदि की स्थिति फिर से जीने की इच्छा होगी।
हलवाई भी बन चुके हैं हरीश रावत
कांग्रेस कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष हरीश रावत राजनीति के इतर भी चर्चाओं में रहते हैं। वो कभी मैंगो पार्टी, कभी नींबू पार्टी, कभी भुट्टा पार्टी तो कभी उत्तराखंडी पकवानों और व्यजंनों की पार्टी देते रहते हैं। यही नहीं अपने राजनीतिक दौरों के दौरान हरदा का किसी भी ढाबे में रुककर चाय बनाना, चाय पीना, जलेबी बनाना, राजमा-चावल और शिकंजी का मजा लेना चर्चाओं में बना रहता है। जानकार मानते हैं कि हरीश रावत अपनी इन अलग कोशिशों से लोगों के करीब जाने का रास्ता निकालते हैं।