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उत्तराखण्ड में होगी अब मीट को होम डिलीवरी ,बस एक फोन घुमाएं और पाएं कच्चा मटन और मछली। आखिर कैसे ? टैब कर जाने

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( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

देहरादून। “एक कदम आत्मनिर्भरता की ओर” के क्रम में कदम बढ़ाते हुए आज पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में हिमालयन गॉट मीट एवं उत्तराफिश का शुभारंभ किया। जिसमें  जनता पौष्टिक मीट के साथ साथ मछली के व्यंजन अब घर बैठे प्राप्त कर सकेगी।
जी ,हाँ , उत्तराखंड में अब पहाड़ी बकरे, भेड़ और मछलियों का गोश्त अब घर मंगवाया जा सकेगा।  पशुपालन विभाग ने बकरॉ नाम से कच्चे मीट की वैन खोली हैं जहां से मटन के साथ ही मछली भी खरीदी जा सकेंगी।  इसके साथ ही फ़ोन से भी कच्चा गोश्त मंगवाया जा सकेगा।  बकरॉ में होम डिलीवरी का भी प्रावधान किया गया है।  पशुपालन विभाग के अनुसार उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। पशुपालन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने आज  हिमालयन गॉट मीट एवं उत्तराफिश नाम से मांस-ऑन-व्हील को विधिवत लॉंच किया। 

BAKRAW नाम से कच्चे मीट की वैन अब शहर में घूमेगी और इसके साथ ही फ़ोन कर भी मीट मंगवाया जा सकेगा।  रेखा आर्य ने कहा कि यह पहाड़ों से सेहत का संदेश देने की कोशिश है।  पहाड़ में पलने वाली भेड़ बकरी पूरी तरह से घास पत्ती पर निर्भर होती है।  ऐसे में उसका मीट और दूध काफ़ी फ़ायदेमंद होता है।  बकरॉ के माध्यम से इसकी ब्रांडिंग करके जनता तक बीच पहुंचाने की पहल की गई है।  उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में मछली उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जाएगा। 


पशुपालन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि प्रदेश में 500 से ज्यादा लोग मछली पालन और बकरी पालन का व्यवसाय करने वालों के साथ संपर्क में रहेंगे और बकरी के तैयार होने पर उसे खरीद लेंगे।  विभाग की पहल से बकरी पालन का बिज़नेस कर रहे लोग खुश हैं।  अल्मोड़ा की रहने वाली गीता बिष्ट कहती हैं कि अब 3 साल तक उनकी बकरी, भेड़ के बीमार होने पर विभाग देखभाल करवाएगा  साथ ही बीमा की भी सुविधा मिल रही है।  करिश्मा भी 5 साल से बकरी पालन के व्यवसाय से जुड़ी हैं।  उन्हें भी लगता है कि इससे उनको मुनाफ़ा हो सकता है। 

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