court Haridwar Legal aspect Slider Uttarakhand

गिरफ़्तारी पर क़ानूनी पहलू ——–जानिए हाईकोर्ट के अधिवक्ता ललित मिगलानी से। आखिर क्या है ?  पढ़े 

Spread the love

( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान ) 
हरिद्वार।
गिरफ़्तारी का क्रिमिनल लॉ या आपराधिक विधि में एक महत्पूर्ण स्थान हैI जब भी कोई व्यक्ति अपराध कारित करता है तो उसके ऊपर गिरफ़्तारी की तलवार लटक जाती हैI कानून में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए गिरफ़्तारी जरुरी है ।

आइये जानते है हाईकोर्ट के अधिवक्ता ललित मिगलानी से  गिरफ़्तारी किसी व्यक्ति को उसकी अपनी स्वतंत्रता से वंचित करने की प्रक्रिया को बोलते हैं। साधारण तौर पर यह कह सकते है किसी घटना के कारित होने के उपरांत घटना की छानबीन के दोरान किसी व्यक्ति का लिप्त होना पाया जाता है या उसके द्वारा साक्ष्यो की छेड़छाड़ की जाने की सम्भावना होती है या उसके स्वतंत्र रहने पर समाज में अपराध बड़ने की संभावना होती है तो एसे व्यक्ति की गिरफ़्तारी की जाती हैI गिरफ़्तारी क़ानूनी प्रक्रिया के अनुसार ही होनी चाहिये अन्यथा “किसी को भी मनमाने ढंग से गिरफ़्तार, नज़रबंद, या देश-निष्कसित किया जाना मानवाधिकारो का उलंघन होता हैI
क्रिमिनल लॉ में पुलिस और मजिस्ट्रेट न्याय प्रशासन संबंधी दो महत्पूर्ण कडिया हैI इन दोनों को ही व्यक्तियों की गिरफ़्तारी करने सम्बंधित अधिकार दिए गए हैI इसके अतिरिक्त क्रिमिनल लॉ में अन्य व्यक्ति यानि प्राइवेट व्यक्ति (आप और हम)  को भी किसी अपराधी व्यक्ति को गिरफ़्तार करने का अधिकार दिया गया है ।



मग्लानी बताते है कि  गिरफ्तारी कब की जा सकती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के अंतर्गत यह बताया गया है कि गिरफ्तारी किस समय की जा सकती है। इस धारा के अंतर्गत किसी पुलिस अधिकारी को बगैर वारंट के गिरफ्तार करने संबंधी अधिकार दिए गए हैं। इस धारा के अंतर्गत पुलिस अधिकारी बिना किसी प्राधिकृत मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना व्यक्तियों को गिरफ्तार कर सकता है। इस धारा के अंतर्गत कुछ कारण दिए गए हैं, कुछ शर्ते रखी गई हैं, जिन कारणों के विद्यमान होने पर पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी कर सकता है।
ललित मिगलानी के अनुसार मजिस्ट्रेट द्वारा गिरफ्तारी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 44 के अंतर्गत मजिस्ट्रेट को गिरफ्तार करने संबंधी शक्तियां दी गई हैं। इन शक्तियों के अधीन मजिस्ट्रेट गिरफ्तारी कर सकता है। धारा 44 में वर्णित उपबंध के अधीन कार्यपालक मजिस्ट्रेट तथा न्यायिक मजिस्ट्रेट को गिरफ्तारी करने के लिए विशेष रूप से अधिकृत किया गया है। धारा 44 की उपधारा 1 के अनुसार मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कोई कार्यपालक मजिस्ट्रेट या न्यायिक मजिस्ट्रेट अपराधी को स्वयं गिरफ्तार कर सकते हैं या किसी अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार करने का निर्देश दे सकते हैं, बशर्ते कि उक्त अपराधी ने अपराध उसकी उपस्थिति में उसकी स्थानीय अधिकारिता के अंतर्गत किया हो।
प्राइवेट व्यक्ति द्वारा गिरफ्तारी का उल्लेख दंड प्रक्रिया धारा 43 के अंतर्गत किया गया है। धारा 43 के अंतर्गत प्राइवेट व्यक्ति द्वारा की जाने वाली गिरफ्तारी एवं अपनायी जाने वाली प्रक्रिया के बारे में उपबंध किए गए है। इस धारा में वर्णित उपबंध के अनुसार कोई भी व्यक्ति अर्थात जो ना तो मजिस्ट्रेट है और ना ही पुलिस अधिकारी है किसी ऐसे व्यक्ति को जो उस की उपस्थिति में संज्ञेय और अजमानतीय अपराध करता है, को गिरफ्तार कर सकता है तथा ऐसी गिरफ्तारी के पश्चात वह अविलंब ऐसे व्यक्ति को पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी के समक्ष पेश करेगा। यदि इस प्रकार गिरफ्तार किया गया व्यक्ति संहिता की धारा 41 के अंतर्गत गिरफ्तार किए जाने योग्य है तो पुलिस अधिकारी उसे उक्त धारा के अधीन गिरफ्तार करेगा या धारा 42 के उपबंधों के अधीन आने की दशा में उसका नाम पता और निवास स्थान निश्चित करने के लिए उसे गिरफ्तार कर सकेगा। इस धारा के अधीन कोई भी व्यक्ति केवल ऐसे व्यक्ति को ही गिरफ्तार कर सकेगा जिसने कोई संज्ञेय अजमानतीय अपराध किया हो। कोई भी प्राइवेट व्यक्ति किसी व्यक्ति को केवल सूचना मात्र के आधार पर गिरफ्तार नहीं कर सकता यदि उसने सूचना मात्र के आधार पर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया है तो ऐसी गिरफ्तारी पूर्णतः अवैध और दोषपूर्ण होगी। अपराध गिरफ्तार करने वाले व्यक्ति के सामने घटित होना चाहिए उस समय वह व्यक्ति उस स्थान पर उपस्थित होना चाहिए।
गिरफ्तारी से सम्बन्धित महिलाओं के अधिकार
गिरफ्तारी के समय अगर कोई महिला पुलिस की दृष्टि में ‘अपराधी’ है और पुलिस उसे गिरफ्तार करने आती है तो वह अपने इन अधिकारों का उपयोग कर सकती हैं-उसे गिरफ्तारी का कारण बताया जाए।
गिरफ्तारी के समय उसे हथकड़ी न लगाई जाए। हथकड़ी सिर्फ मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही लगाई जा सकती है।
अपने वकील को बुलवा सकती है।मुफ्त कानूनी सलाह की माँग कर सकती है, अगर वह वकील रखने में असमर्थ…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *