( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
पटना। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्य सभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर जहां एक तरफ कयासों का बाजार गर्म है तो दूसरी तरफ बिहार का सियासी तापमान भी चढ़ा हुआ है. एनडीए की तरफ से पूर्व डिप्टी सीएम व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सीटों के समीकरण को देखते हुए उनकी जीत भी एक तरह से तय मानी जा रही है। अब महागठबंधन और एनडीए के बीच इस बात को लेकर तकरार बढ़ गई है कि आखिर विपक्ष की ओर से उम्मीदवार उतारने की तैयारी क्यों की जा रही है?
बीजेपी नेता प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि गठबंधन को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है तो विपक्ष में बैठे और सरकार को कमजोर और अस्थिर करने की कोशिश न करे। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को चेतावानी देते हुए कहा कि स्पीकर के चुनाव में भी बेवजह हंगामा खड़ा किया और अब राज्यसभा में भी बहुमत नहीं होने के बावजूद परेशान है। ऐसा करेंगे तो उन्हें गठबंधन को बचाना मुश्किल हो जाएगा। महागठबंधन के कई घटक दल एनडीए में मिलने को तैयार हैं. वक्त आने पर वे एनडीए का हिस्सा होंगे।
दूसरी ओर बीजेपी के इस बड़े दावे पर महागठबंधन में भारी नाराजगी है। आरजेडी नेता सुबोध राय ने कहा कि चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करना हमारा अधिकार है। आखिर बीजेपी के लोगो में इतनी घबराहट क्यों है ? आरजेडी और गठबंधन के एक भी घटक नहीं टूटेगा एनडीए अपनी चिंता करे क्योंकि यह सरकार चार कंधों पर चल रही है। कभी भी सरकार जा सकती है। वहीं, बीजेपी के दावे पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा, जब जनादेश में ज्यादा अंतर नहीं होता तो ऐसा ही होता है। अंतरात्मा की आवाज पर कुछ वोट मिले तो राज्य सभा चुनाव जीत भी सकते हैं। एनडीए लाख दावे करे गठबंधन में कोई नहीं टूटेगा । बीजेपी दरसअल जेडीयू को तोड़ना चाहती है. देखते रहिएगा कि आने वाले दिनों में जेडीयू टूट जयेगी ।