( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
अहमदाबाद। गुजरात के बांकसकांठा जिले के पालनपुर की एक अदालत ने बुधवार को ट्रिपल तलाक के मामले की सुनवाई करते हुए एक 45 वर्षीय सरकारी कर्मचारी को एक साल की जेल की सजा सुनाई है। दोषी कर्मचारी ने अपनी पत्नी को ‘तीन तलाक’ के जरिए तलाक देने का प्रयास किया था। इस मामले को लेकर सरकारी वकील संजय जोशी ने कहा कि गुजरात में तीन तलाक मामले में संभवत: यह पहली सजा है। अतिरिक्त वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश जी एस दारजी की अदालत ने डिप्टी इंजीनियर सरफराज खान बिहारी को एक साल जेल की सजा सुनाई और उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
आरोपी सरफराज खान की पीड़ित पत्नी, शहनाज़बानू ने सितंबर 2019 में पालनपुर (पश्चिम) पुलिस स्टेशन से संपर्क किया था और मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इंजीनियर सरफराज खान बिहारी ने जून 2012 में शहनाज बानू से शादी की, दंपति की एक बेटी भी है। शिकायतकर्ता के वकील गोविंद मकवाना ने कहा कि बाद में, सरफराज खान बिहारी को सरकार की सिपू पाइपलाइन परियोजना में एक उप अभियंता के रूप में दंतीवाड़ा शहर में ट्रांसफर कर दिया गया और इस दौरान वहां उन्हें एक हिंदू सहकर्मी से प्यार हो गया।
इसके अलावा वकील गोविंद मकवाना ने बताया कि जब सरफराज खान के परिवार को इस मामले के बारे में पता चला, तो शिकायतकर्ता की पत्नी के पिता ने इंजीनियर सरफराज के पिता से मुलाकात की और उन्होंने दंपति को पालनपुर शहर में एक अलग किराए के घर में स्थानांतरित करने का फैसला किया। मकवाना ने कहा कि जब वे वहां रह रहे थे, आरोपी की मां और बहन उनसे मिलने आए, जिसके बाद उन्होंने झगड़ा किया और आरोपी गुस्से में आ गया। इसके बाद अपनी पत्नी को पीटा और उसे तलाक देने के लिए तीन बार ‘तलाक’ कह दिया।
इस संबंध में आईपीसी की धारा 498 (ए) (एक महिला का उत्पीड़न), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), और मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने सरफराज खान बिहारी को एक साल की जेल की सजा सुनाई। लोक अभियोजक ने वादी की ओर से मौखिक दलीलें दीं कि आरोपी को सजा देकर समाज में एक मिसाल कायम की जाए।