# राजभवन को भर्तियों के फर्जीवाड़े की गूंज सुनाई नहीं दे रही – मोर्चा
# राज्य गठन से लेकर अब तक हुई भर्तियों की हो सीबीआई जांच।
# महाधिवक्ता कार्यालय, यूजेवीएनएल, यूकेएसएसएससी,विधानसभा आदि में हुई व्यापक धांधलियां।
# प्रदेश में बड़े-बड़े पदों पर बैठे नौकरशाहों के फर्जी हैं शैक्षिक दस्तावेज।
# अब तक हजारों नियुक्तियां हो चुकी बैक डोर से।
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य में हुई भर्तियों में व्यापक धांधलियों की गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ रही हैं, लेकिन राजभवन के कानों में ये गूंज अब तक सुनाई नहीं दी, क्योंकि राजभवन कानों में तेल डाले जो बैठा है। नेगी ने कहा कि राज्य गठन के शुरुआती दौर 2001-2002 में महाधिवक्ता कार्यालय, उच्च न्यायालय नैनीताल में भर्तियों/ नियुक्तियों में हुई व्यापक धांधलियों, यूजेवीएनएल में वर्ष 2002-2003 से लेकर 2006 तक हुई नियुक्तियों, यूकेएसएसएससी, विधानसभा में अब तक हुई सैकड़ों फर्जी नियुक्तियों, बैक डोर के माध्यम से हुई हजारों नियुक्तियों आदि के मामलों में जिस प्रकार बड़े पैमाने पर धांधलियां हुई एवं कई मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में आवश्यक हो गया है कि राज्य गठन से लेकर आज तक हुई तमाम भर्तियों/ नियुक्तियों की सीबीआई जांच हो, जिससे होनहार युवाओं को सकून मिल सके एवं गिरोह का खात्मा किया जा सके | फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाए जालसाज आज कई- कई प्रमोशन लेकर हाकिम बने बैठे हैं| नेगी ने कहा कि प्रदेश का दुर्भाग्य है कि अधिकारियों एवं दलालों के गिरोह ने परीक्षा में इन होनहार युवाओं को दरकिनार कर मोटी रकम लेकर नौकरियां बांटी | नेगी ने कहा कि प्रदेश का उच्च शिक्षित, होनहार एवं सिफारिश विहीन युवा पांच-सात हजार ₹ की नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है तथा वहीं दूसरी ओर दलालों के माध्यम से नौकरी पाए लोग मौज-मस्ती काट रहे हैं | नेगी ने कहा कि कई होनहार युवा परीक्षा में असफल होने पर मौत को गले लगा चुके हैं | मोर्चा राजभवन से हाल ही में राज्य गठन से लेकर आज तक हुई तमाम भर्तियों/ नियुक्तियों की सीबीआई जांच की मांग कर चुका है | पत्रकार वार्ता में- ओ.पी. राणा एवं के.सी. चंदेल मौजूद थे |

सुरक्षित रहें , स्वस्थ रहें।
Stay Safe , Stay Healthy
COVID मानदंडों का पालन करें जैसे मास्क पहनना, हाथ की स्वच्छता बनाए रखना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना आदि।