*आयोग ने दलित समाज से सहानुभूति रखकर हर संभव मदद का प्रयास किया —- मुकेश कुमार
(ब्यूरो,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। बेलड़ा प्रकरण में पिछले कुछ दिनों से रविदास घाट पर चल रहे धरने को लेकर जिस तरह से सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाए जा रहे रहें उसे लेकर कल बुधवार को हरिद्वार में डाम कोठी पर अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने प्रेस वार्ता की और आयोग का पक्ष रखा। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि आयोग बना ही केवल अनुसूचित जाति के लोगों की मदद के लिए है। उन्होंने भी दलित समाज से हमदर्दी रखकर पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करने का प्रयास किया। लेकिन कुछ 4 से 5 ऐसे व्यक्ति जो पीड़ित परिवार का भला नहीं चाहते हैं वो इसमें राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन व्यक्तियों द्वारा पीड़ित परिवार को गुमराह किया जा रहा है। आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने बिंदुवार तथ्यों के साथ मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महासंघ के साथ शासन प्रशासन की जिन 12 सूत्रीय मांगों पर विचार हुआ था उनमें से कुछ मांगे सरकार ने तुरंत मान ली थी तथा कुछ पर विचार करने के लिए बोला था। उन्होंने कहा कि योगेश पर 25 हजार का इनाम हटवाने कुर्की रुकवाने की मांग मानी, मृतक की दोनो पत्नियों को पीआरडी में नौकरी की बात सरकार ने मानी, मृतकों के बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी लेने की बात मानी, मृतक के किसी एक परिवार को राशन सस्ते गल्ले की दुकान की बात मानी, सीबीसीआईडी से जांच कराने की बात मानी, स्थानीय प्रशासन के बजाय कमिश्नर और आईजी गढ़वाल से जांच कराई, अनाधिकारिक रूप से आर्थिक मदद भी कराई। प्रमोद की पत्नी के लिए अटल आवास योजना से मकान की हां भी की। लेकिन कुछ लोग इस मामले में अपनी राजनैतिक रोटियां सेंक रहे हैं।आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि उन लोगों ने पहले आयोग की छवि खराब करने का काम किया जिसमे आयोग की तरफ से एसएसपी को एक पत्र लिखा गया जिसमे हरिद्वार पुलिस ने 4 लोगों संजीव वर्मा, योगेश कुमार, कुलदीप एवं रणवीर गौतम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। आयोग ने ये भी कहा कि इसमें कुछ लोग अपनी निजी खुन्नस/ दुश्मनी निकाल रहें हैं और हरिद्वार की समरसता को खराब कर रहें हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि जब योगेश और अन्य लोग छुपे छुपे फिर रहे थे, लोगों के मेडिकल नही हो रहे थे , पुलिस में एफआईआर नही दर्ज हो रही थी तब आयोग ने उनकी मदद की, मेडिकल कराए, एफआईआर दर्ज कराई, योगेश के घर की कुर्की रुकवाई। लेकिन तब न संजीव वर्मा वहां थे और न ही एक रिटायर्ड जज उस वक्त मदद को आगे आए। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें पीड़ित परिवारों से हमदर्दी है और वे आज भी उनके साथ हैं। लेकिन कुछ लोग उन्हें भ्रमित कर रहें हैं। न्यायिक मजिस्ट्रेट जांच चल रही है, सीबीसीआईडी की जांच चल रही है, कमिश्नर और आईजी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। तो उन लोगों को जांच एजेंसियों पर भरोसा तो करना चाहिए। प्रेस वार्ता में उनके साथ आयोग के सदस्य श्यामल प्रधान, भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, भाजपा जिला महामंत्री आशु चौधरी, आशुतोष शर्मा, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा, भाजपा अनुसूचित मोर्चे के जिलाध्यक संजय कुमार, जिला कोषाध्यक्ष सचिन शर्मा, कार्यालय प्रभारी नकली कुमार सैनी, अंशुल श्रीकुंज, राजबीर कटारिया, सुशील कुमार आदि भी मौजूद थे।