( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। महाकुम्भ कुम्भ 12 साल में एक बार आता है हुए 6 साल बाद अर्द्ध कुम्भ। इस बार ग्रहो और नक्षत्रो का ऐसा संयोग बन रहा है कि 2021 की शुरुआत में ही हरिद्वार में होने वाला महाकुम्भ 11 वे साल में आयोजित हो रहा है। हालांकि ऐसा पहले बार नहीं हो रहा है। लेकिन ऐसा होता दुर्लभ ही है। यदि समय अंतराल में झाँका जय तो पिछले डेढ़ सौ साल से ज्यादा समय में तीसरी बार ग्रह – नक्षत्र ऐसे संयोग बना रहे है कि कुम्भ 12 साल कि बजाय 11 वे साल में ही होने जा रहा है। हरिद्वार स्थित नारायणी शिला के संचालक ज्योतिषाचार्य मनोज त्रिपाठी कहते है कि मान्यताओं के अनुसार कुम्भ में कुम्भ क्षेत्र का गंगा जल अमृत हो जाता है। तो आप कोरोना काल के बीच हरिद्वार में गंगा नदी के अमृतपान के लिए तैयार हो जाइए, पर इसका सौभाग्य किसको – किसको मिलेगा यह समय के गर्त में है। महाकुंभ के 12 साल में मनाए जाने के पीछे कारण यह माना जाता है कि 12 साल के समुद्र मंथन के बाद ही उससे अमृत का कलश निकला था। इसकी बूंदें हरिद्वार, प्रयाग, नासिक और उज्जैन में गिरी थीं। इसलिए 12 साल बाद इन स्थानों पर महाकुंभ का आयोजन किया जाता है।
ज्योतिषाचार्य मनोज त्रिपाठी इस बार 11वें साल में ही कुंभ होने के कारण बताते हुए कहते है हरिद्वार महाकुंभ का योग 2021 में इसलिए बन रहा है क्योंकि मेष राशि में सूर्य तथा कुंभ राशि में बृहस्पति हैं। इनकी वजह से 2022 में होने वाला आयोजन 2021 में ही किया जा रहा है।
स्नान के दिन–
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी-तीसरी लहर आने के चलते अभी तक यह साफ़ नहीं है कि कुंभ का आयोजन कितने बड़े स्तर पर होगा और किन शर्तों के साथ… लेकिन परंपरानुसार स्नान तो होंगे ही, जिनकी तारीखें शासन द्वारा तय हो चुकी हैं।
इस बार के शाही स्नान
- पहला शाही स्नान गुरुवार, 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि के दिन होगा।
- दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या के दिन होगा।
- तीसरा शाही स्नान जो कुंभ का मुख्य स्नान भी है 14 अप्रैल को मेष संक्रांति और बैसाखी के दिन होगा।
- चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल मंगलवार को चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर होगा।
अन्य प्रमुख स्नान
पहला… गुरुवार, 14 जनवरी 2021 को मकर संक्रांति के दिन।
दूसरा… गुरुवार, 11 फरवरी को मौनी अमावस्या पर।
तीसरा… मंगलवार, 16 फ़रवरी को बसंत पंचमी के दिन।
चौथा… शनिवार, 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन।
पांचवां… मंगलवार, 13 अप्रैल को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नव संवत्सर पर।
छठा… बुधवार, 21 अप्रैल को राम नवमी पर।
आखिर कब – कब 11 वे साल में हुए कुम्भ
पहली बार महाकुंभ की अवधि 12 साल से घट कर 11 साल नहीं हुई है। आईजी कुंभ संजय गुंज्याल के अनुसार इससे पहले साल 1938 और उससे पहले साल 1855 में भी ऐसे ही योग बने थे जब महाकुंभ का आयोजन 11वें साल में हुआ था। यानी 166 साल में ऐसा तीसरी बार हो हो रहा है और वह भी ठीक 83-83 साल के अंतराल पर।
आईजी कुंभ कहते हैं कि मार्च महीने के बाद शाही स्नानों की तारीख लगातार निकट आती है जो प्रशासन के लिए सुरक्षिक स्नान करवाना बड़ी चुनौती बन जाती है। ख़ासतौर पर इस बार कोरोना महामारी के चलते इन सभी स्नानों को सुरक्षित करवाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।