( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को भाजपा हाईकमान ने भले ही उत्तराखण्ड की बागडोर सौप दी पर उन्हें छह महीने के अंदर विधानसभा की सदस्यता लेनी आवश्यक है। क्योकि धामी विधानसभ चुनाव में खटीमा से चुनाव हार गए थे। ऐसे में वे एक बार फिर से स्थानीय चुनाव लड़ेंगे। मुख्यमंत्री को छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना है, इसके लिए उन्हें उपचुनाव लड़ना है। करीब छह विधायक अभी तक उनके लिए अपनी सीट खाली करने का एलान कर चुके हैं।
उपचुनाव के लिए उन्हें ऐसी विधानसभा सीट की तलाश है, जिसपर चुनाव लड़ना सहज हो। पिछले दिनों मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार धामी जब चंपावत विधानसभा के राजनीतिक दौरे पर गए तो उनके वहां से उपचुनाव लड़ने की कयासबाजी ने जोर पकड़ा। मगर अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके जरिये चर्चा हो रही है मुख्यमंत्री देहरादून कैंट विधानसभा से भी ताल ठोक सकते हैं।
जी हां, यह वीडियो विधानसभा चुनाव के प्रचार के समय का है। मुख्यमंत्री कैंट विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे।
वीडियो में मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जब से उत्तराखंड बना है, वह कैंट विधानसभा क्षेत्र में रह रहे हैं। वह यमुना कालोनी में वास कर रहे हैं। इस वीडियो में कही गई बातों के सियासी मायने टटोले जा रहे हैं। सियासी हलकों में चर्चाएं गरमा रही हैं कि मुख्यमंत्री जिन विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं, उनमें से एक कैंट भी हो सकती है। करीब छह विधायक अभी तक उनके लिए अपनी सीट खाली करने का एलान कर चुके हैं। इनमें चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी भी हैं। अभी यह तय नहीं है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत या कैंट से ही चुनाव लड़ेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिर लोगों को कंफ्यूज कर दिया है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री संबोधन में इशारों इशारों में कैंट विधानसभा से चुनाव लड़ने का संकेत दे गए। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में साफ तौर पर कहा कि पिछले 22 साल से मैं इस विधानसभा में रहता आया हूं। मुख्यमंत्री राज्य गठन के बाद से ही यमुना कॉलोनी में रहते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए कैंट विधानसभा सीट भी बीजेपी खाली करवा सकती है।