( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में पुरातन छात्र सम्मेलन में कीर्ति चक्र विजेता एन एन दुबे ने विवि के पुस्कालय की स्थापना हेतु एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की बात कही।
कीर्ति चक्र विजेता एन.एन.डी दुबे ने यह घोषणा विवि द्वारा आयोजित 1983 बैच के एलुमनी सम्मेलन के दौरान बतौर मुख्य अतिथि की।
ग़ौरतलब है कि एन.एन.डी दुबे कीर्ति चक्र से सम्मानित और विश्वविद्यालय के 1983 बैच के विद्यार्थी रहे हैं तथा वर्तमान में BSF में DIG हैं और विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें प्रथम पुरातन सम्मेलन में विशिष्ट एलुमनी अवार्ड से सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहा कि मेरे जीवन को दिशा देने में विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग से प्राप्त मेरी शिक्षा और संस्कार का अमूल्य योगदान रहा है। जीवन की किसी भी परिस्थितियों में लड़ना और हिम्मत ना हारना मैंने विभाग के शिक्षक और उनसे प्राप्त शिक्षा से सीखा है। गुरुजनों से प्राप्त ज्ञान एवं मार्गदर्शन के माध्यम से ही छात्रों को जीवन और पेशे में सफलता मिलती है।
DIG N N D Dubey ने कहा कि आज वह जीवन में जिस भी मुकाम पर हैं उसमें विश्वविद्यालय के छात्र होने के साथ-साथ अंग्रेजी विभाग का विद्यार्थी और गोरखपुर की मिटटी से जुड़ा होना भी काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह यहां की शिक्षा ही है जिस कारण उन्हें जीवन में मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में लड़ने के लिए साहस धैर्य और ताकत प्रदान की है।
आपको बता दे कि कार्यक्रम में 1983 के बैच के पुरातन छात्रों की अच्छी उपस्थिति रही, जिनमें डी. डी. शुक्ला, अर्जुन दुबे, गणेश श्रीवास्तव इत्यादि ने अपने अनुभव और यादें साझा की। डॉक्टर आमोद राय, डॉक्टर तनु श्रीवास्तव तथा इंद्रेश यादव ने भी विश्वविद्यालय से जुड़ने और विभाग से अपने आंतरिक, आध्यात्मिक और शैक्षिक जुड़ाव की यादों को साझा किया।
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तनु श्रीवास्तव ने रविंद्र नाथ टैगोर की कविता का बहुत ही सुंदर गायन भी प्रस्तुत किया जो उन्हें उनकी विभाग से जुड़ी स्मृतियों से जोड़ता है। डॉ अर्जुन दुबे ने बहुत ही भावुक होकर अंग्रेजी विभाग से लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर के पद तक पहुंचने की यात्रा को साझा किया।
कीर्ति चक्र सम्मानित BSF के DIG एन. एन. डी. दुबे ने पुरातन छात्र होने के अनुभूति के साथ विभाग में पुस्तकालय की स्थापना हेतु ₹01 लाख रूपये का आर्थिक सहयोग देने का आश्वासन दिया। ज्ञातव्य है कि कीर्ति चक्र सम्मान के रूप में उन्हें प्रति वर्ष एक लाख रुपये प्राप्त होते है, जिसे सहयोग रूप में प्रदान करने की इच्छा उन्होंने जताई है। उनके अलावा विभाग के पुरातन छात्र के रूप में डॉ मधुलिका तिवारी और डॉक्टर राहुल तिवारी ने भी आर्थिक सहयोग देने की आश्वासन दिया।
अंग्रेजी विभाग का पुरातन छात्र सम्मेलन इस मायने में ख़ास रहा कि इसमें 1960 बैच के परास्नातक छात्र रहे रोहित्सव श्रीवास्तव भी उपस्थित हुए। श्रीवास्तव विश्वविद्यालय के प्रारम्भिक बैच के विद्यार्थी थे। उन्हें साथ पाकर विभाग के शिक्षक, छात्र एवं पूर्व छात्र अत्यंत आह्लादित हुए।
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