* पूर्व मे तथाकथित अधिकारी से पालिका अध्यक्ष की हो चुकी हैं कहा सुनी।
* भेल का कथित अधिकारी पूर्व मे भी रहा विवादित, भेल और सरकार की साख पर लगा बट्टा।
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। बीते दिन भेल के एक अधिकारी ने शिवालिक नगर पालिका के भेल स्थित कार्यालय मे बिजली चोरी का आरोप लगा कर कार्यालय का विद्युत कनेक्शन काट दिया था। उसके बाद भेल के कथित अधिकारी ने हाई वोल्टेज ड्रामा रच डाला। बताते चलें कि 2 मार्च को भी शिवालिक नगर पालिका द्वारा स्वागत द्वार बनाने को ले कर उक्त अधिकारी की तीखी नोक झोंक पालिका अध्यक्ष से हुई थी। उक्त अधिकारी ने बदले की भावना से कूट संरचना कर पालिका मे बिजली चोरी का मामला बना डाला और अब पालिका बनाम भेल सीधे आमने सामने खड़े हो गये है। आपस मे दोनो ने तलवारे खीच ली हैं और व्यक्तिगत टशनबाजी को संस्थान से जोड़ कर चल रहे। तथाकथित भेल अधिकारी ने उतराखंड सरकार और भेल की साख को बट्टा लगाने का काम किया। विश्वस्त सूत्रों की माने तो जब से कथित अधिकारी संपदा विभाग मे आये तभी से उक्त अधिकारी ने कई तरह के विवाद खड़े कर दिये है। प्रतिदिन किसी ना किसी से उलझने की चर्चा रहती है। वहीं सूत्र यह भी बताते है कि भेल प्रबंधन ने उसे भेल की जमीनी संपदा से राजस्व उत्पन्न के लिए ही तैनात किया है और मजे की बात है कि उक्त अधिकारी की नियुक्ति का कोई पत्र अभी तक जारी नही किया गया है। अब यह प्रश्न उठता है किस आदेश के तहत संपदा विभाग मे काम कर रहे हैं? उक्त अधिकारी के इतिहास पर नज़र डाली तो ज्ञात हुआ कि उक्त अधिकारी पूर्व मे भेल हरिद्वार से एक छेड़छाड़ के मामले मे स्थानांतरित किया गया था। वहीं भेल के इंटरनेशनल क्लब मे आयोजित दीवाली मेले के टिकट भेल कर्मचारिओं को ना देकर शहर के राईस ज़ादों को इसी विवादित अधिकारी द्वारा बेचने पर भेल के कर्मचारिओं के द्वार मारपीट और तोड़ फोड़ भी हुई थी। वहीं उक्त अधिकारी की नज़र नगर प्रशासक की कुर्सी पर भी बताई जा रही है। यदि वाकई मे इस अधिकारी को राजस्व उत्पन्न करना है तो भेल की भूमि से अनाधिकृत कब्जे हटाने चाहिए। जिसमे भभूताबाग की भूमि , तरूण हिमालय की भूमि तथा भगत सिंह चौक पर बनी दुकाने जो कि अरबों की संपति है। वहीं समाचार लिखने तक पालिका का विद्युत कनेक्शन भेल द्वारा नहीं जोड़ा गया।
भेल के सूचना प्रमुख से जब सम्पर्क किया गया तो उनका कहना था कि इस बारे उनको किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं आप GM ( HR ) से बात करे और जब नगर प्रशासक से संपर्क साधने का कई बार प्रयास किया पर उन्होंने फोन उठाने की जहमत नही उठाई। इतना ही नहीं भेल प्रशासक वैसे भी कभी फोन उठाने की जहमत नहीं उठाते है। जबकि समस्त जनकारी दे कर उनका वर्जन लेने की बात पर बताया कि बाद मे जनकारी देंगे। उधर जब भेल GM ( HR ) पीके श्रीवास्तव से इस बाबत करने की कोशिश की गई तो इसे गलती कहे यह इत्तफाक, रविवार को उनका फोन उठा तो पर वह भी सकारात्मक जबाब देने से बचते नज़र आये। नगर पालिका अधिशासी अधिकारी माम चंद ने बताया की पालिका कार्यालय मे बिजली चोरी नही हुई है। उनके ही कर्मचारी ने छापे से पूर्व कोई छेड़छाड़ की थी। भेल के एक अधिकारी ने कूट रचना कर बदले की भावना से पालिका के माध्यम से सरकार को बदनाम किया है और अवकाश के दिन ही छापा क्यों मारा गया? यह एक साजिश है। सभी की जानकारी में है भेल मे प्री पैड मीटर लगे है।पालिका ने 2 फरबरी को 10 हजार का चेक भेजा हुआ जिसे भेल जानबूझ कर अपने खाते मे जमा नही किया है। कनेक्शन के लिए पत्र भेजा जायेगा। इतना ही नहीं भेल प्रशासन द्वारा नगर पालिका के सरकारी कार्यो में व्यवधान पैदा करने के कारण क़ानूनी प्रक्रिया के तहत कार्यवाही ( मुकदमा ) की जाएगी।उन्होंने कहा कि इस समस्त प्रकरण से जिला अधिकारी को अवगत करा दिया है। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में यह बात आई है पर वह चूँकि शहर से बाहर है। लिहाजा सोमवार को वह इस विषय पर देख कर किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि पर भेल प्रशासन को ऐसा नहीं करना चाहिए था ,जोभी किया गया वह गलत है। वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब भेल सम्पदा विभाग ने शिवालिक नगरपालिका को पेनल्टी के बाद एक बिल 29 हज़ार का भेजा है।